मुंबई : शिवसेना ने महाराष्ट्र सरकार से 33,000 करोड रुपये के नये कर्ज पर ‘सावधान और सर्तक’ रहने को लेकर आगाह करते हुए पूर्व की कांग्रेस-राकांपा सरकार की गलतियां नहीं दोहराने को कहा है. शिवसेना के मुखपत्र ‘सामना’ के एक संपादकीय में आज कहा गया, ‘33,000 करोड रुपये का अतिरिक्त कर्ज आधारभूत संरचना, कृषि, सिंचाई, अकाल निवारण की राहत योजनाओं और जलयुक्त शिवार कार्यक्रम को आगे बढाने के लिए इस्तेमाल होगा. हालांकि इन उद्देश्यों के लिए अतिरिक्त फंड की जरुरत है लेकिन सरकार को मौजूदा 3.52 लाख करोड कर्ज का ध्यान भी होना चाहिए.’ इसमें कहा गया है, ‘आम आदमी को वित्तीय बोझ का सामना करना होगा. यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि नया कर्ज कम ब्याज दर पर मिले.’
संपादकीय में कहा गया है, ‘हर साल सरकार को कर्ज के मूलधन और ब्याज की अदायगी पर 38,000 करोड रुपये चुकाने पडते हैं. नया कर्ज कम ब्याज दर पर लिया जाए तो बचत होगी जिससे रकम अदायगी हो पाएगी. आधारभूत सुविधाएं मुहैया कराने के लिए पर्याप्त फंड उपलब्ध होंगे.’ पार्टी ने सरकार को वित्तीय कुप्रबंधन को रोकने को कहा है जिससे कि आगामी वर्षों में पानी की कमी और सूखे की चुनौतियों से निपटा जा सके.
संपादकीय में कहा गया है कि कांग्रेस-राकांपा सरकार 3.52 लाख करोड रुपये के कर्ज के राजनीतिक और वित्तीय कुप्रबंधन की विरासत छोड़ कर गयी. इसमें कहा गया है कि कांग्रेस-राकांपा के 15 साल के कार्यकाल में विकास कार्यों के नाम पर कर्ज लिया गया लेकिन कुछ नहीं किया गया. संपादकीय में आरोप लगाया गया, ‘सिंचाई पर 70,000 करोड रुपये खर्च किया गया लेकिन पिछले 15 साल में सिंचाई की क्षमता एक प्रतिशत भी नहीं बढी.’