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पांच वर्षों के कार्यकाल से खुश नहीं हैं मतदाता-1

पांच वर्षों के कार्यकाल से खुश नहीं हैं मतदाता-1 बिराजपुर पंचायत, प्रखंड-रमकंडा27जीडब्ल्यूपीएच15- अधूरा पड़ा पंचायत सचिवालय 27जीडब्ल्यूपीएच22-वर्तमान मुखिया सुषमा लकड़ा 27जीडब्ल्यूपीएच21-शिव लखन लकड़ा 27जीडब्ल्यूपीएच19-रोजिद मंसूरी27जीडब्ल्यूपीएच18-राजेश कु मार गुप्ता27जीडब्ल्यूपीएच17-मंगल दास तिर्की 27जीडब्ल्यूपीएच16-मोतीलाल सिंह की तसवीर फैक्ट फाइल पंचायत का नाम-बिराजपुरपंचायत के गांव: बिराजपुर, बैरिया, होमिया, बरवा, दुर्जनआंगनबाड़ी केंद्र-पंाचस्वास्थ्य केंद्र नहीं हैजविप्र की दुकान-चारउवि-एक, मवि-तीन, प्रावि-11 जनसंख्या […]

पांच वर्षों के कार्यकाल से खुश नहीं हैं मतदाता-1 बिराजपुर पंचायत, प्रखंड-रमकंडा27जीडब्ल्यूपीएच15- अधूरा पड़ा पंचायत सचिवालय 27जीडब्ल्यूपीएच22-वर्तमान मुखिया सुषमा लकड़ा 27जीडब्ल्यूपीएच21-शिव लखन लकड़ा 27जीडब्ल्यूपीएच19-रोजिद मंसूरी27जीडब्ल्यूपीएच18-राजेश कु मार गुप्ता27जीडब्ल्यूपीएच17-मंगल दास तिर्की 27जीडब्ल्यूपीएच16-मोतीलाल सिंह की तसवीर फैक्ट फाइल पंचायत का नाम-बिराजपुरपंचायत के गांव: बिराजपुर, बैरिया, होमिया, बरवा, दुर्जनआंगनबाड़ी केंद्र-पंाचस्वास्थ्य केंद्र नहीं हैजविप्र की दुकान-चारउवि-एक, मवि-तीन, प्रावि-11 जनसंख्या 6080कुल मतदाता -3600पुरूष मतदाता-1884महिला मतदाता-1716पंचायत सचिवालय-अधूरा. फिलहाल लोहिया भवन में संचालित होता है.अब तक नहीं बन सका पंचायत सचिवालयरमकंडा प्रखंड का बिराजपुर पंचायत में पंचायती राज व्यवस्था लागू होने का कोई लाभ नहीं दिखता है. पांच साल बीतने के बावजूद अभी तक यहां का पंचायत सचिवालय का निर्माण कार्य अधूरा पड़ा हुआ है. पंचायत सचिवालय में कभी कभार बैठक होती है. वहीं पंचायत सचिवालय के अधूरा रहने के कारण बैरिया गांव में स्थित वर्षों पुराना लोहिया भवन में पंचायत सचिवालय चलता है. लोगों का कहना है कि यह भी ग्राम सभा के लिए खुलता है. नियमित रूप से पंचायत सचिवालय कभी नहीं खुला. स्थिति यह है कि पंचायत सचिव भी पंचायत सचिवालय में नहीं रहते हैं. पंचायत में सड़के बनीं, इंदिरा आवास मिला, लेकिन शिक्षा की सुविधा नहीं मिली. लोगों का दर्द है कि उन्होंने पंचायत चुनाव के पूर्व जो सपना था, वह पूरा नहीं हो सका.खुले शौच से मुक्त नहीं हुआ पंचायतस्वच्छता अभियान को गति मिले और पंचायत खुले शौच से मुक्त हो, इसकी भी जिम्मेवारी पंचायत को मिली थी. लेकिन लोगों का रहन-सहन पूर्व के तरह की बना हुआ है. अभी भी यहां की लगभग पूरी आबादी शौच के लिए खुले में ही जाती है. इस पंचायत के होमिया गांव में पेयजल एवं स्वच्छता विभाग द्वारा 40 घरों में शौचालय बनाया गया. लेकिन जागरूकता के अभाव में उक्त शौचालय बेकार पड़े हुए हैं. स्वास्थ्य सुविधा पूरी तरह फेलप्रखंड के इस पंचायत में स्वास्थ्य सुविधा पूरी तरह फेल है. करीब छह हजार आबादी वाले इस पंचायत में एक भी स्वास्थ्य केंद्र नहीं है. गरीब लोग झोला छाप चिकित्सक के पास ईलाज कराने को मजबूर हैं. ज्यादा बीमार होने पर यहां के लोग मेदिनीनगर व छत्तीसगढ़ के रामानुजगंज में इलाज कराना बेहतर समझते हैं. पिछले माह इसी पंचायत के होमिया गांव में अज्ञात बीमारी से पांच बच्चों की मौत हो गयी थी. ग्रामीणों का आरोप है कि इस पंचायत में स्वास्थ्य सुविधा पर किसी भी जनप्रतिनिधि का ध्यान नहीं है. सिर्फ चुनाव लड़ना जानते हैं प्रतिनिधि पिछले पंचायत चुनाव में बिराजपुर पंचायत के मुखिया का चुनाव सबिता लकड़ा ने भी लड़ा था. वह दूसरे नंबर पर थी. लेकिन इस बार पंचायत चुनाव की सरगरमी तेज है, लेकिन अभीतक वह मैदान में नहीं है. बताया गया कि वह मेदिनीनगर में रहती हैं. ग्रामीणों ने कहा कि सिर्फ चुनाव लड़़ने के वक्त वह पंचायत में आ जाती हैं. अधिकार के अनुरूप काम किया: मुखिया पंचायत की मुखिया सुषमा लकड़ा ने कहा कि पंचायत स्तर पर जो अधिकार मिला है, उसके अनुरूप काम हुआ हूं. सीमित संसाधन में ही सभी गांव व टोलों को सड़क, जरूरतमंदों को इंदिरा आवास, सामाजिक सुरक्षा पेंशन, सिंचाई कूप आदि देने का काम किया हूं. पुन: इस बार जनता का आशीर्वाद मिला तो और बेहतर करने का इरादा है. क्या कहते हैं लोगउम्मीद पूरी नहीं हुई : शिवलखन लकड़ाबरवा गांव के शिवलखन लकड़ा ने कहा कि सरकार की गलत नीति के कारण पंचायत का विकास प्रभावित हुआ है. मुखिया को समुचित अधिकार अभीतक नहीं मिला. जो अधिकार मिला, उसमें 75 प्रतिशत विकास हुआ है. उन्होंने कहा कि पंचायत चुनाव से जो उम्मीद लोगों को जगी थी, वह पूरी नहीं हुयी. विकास के नाम पर खानापूरी हुई : रोजिद मंसूरीबिराजपुर गांव के रोजिद मंसूरी ने कहा कि पंचायत राज का सपना जो सरकार ने दिखाया था, वह सपना ही रह गया. पंचायत में सिंचाई के लिये कोई कार्य नहीं हुए. विकास के नाम पर सिर्फ खानापूरी हुआ. जितना विकास हुआ वह तो पंचायत चुनाव के पहले भी होता रहा है. योग्य प्रतिनिधि का चयन हो: राजेश कुमार गुप्ता बिराजपुर गांव के राजेश कुमार गुप्ता ने कहा कि प्रतिनिधियों के चयन के पहले योग्यता व पृष्ठभूमि को ध्यान में रखना चाहिये क्योंकि स्वच्छ छवि का उम्मीदवार ही बेहतर कार्य कर सकता है. इसके साथ शिक्षित होना काफी महत्वूपर्ण है.शिक्षित प्रत्याशी हो : मंगल दास तिर्कीबरवा गांव के मंजल दास तिर्की ने कहा कि शिक्षित, अनुभवी, युवा प्रत्याशी होना चाहिये. युवाओं के कंधे पर ही देश का भविष्य है. युवा वर्ग को राजनीति में आना चाहिए. युवाओं से ही विकास हो सकता है. ईमानदार पहल नहीं हुई : मोतीलाल सिंहबिराजपुर गांव के मोती लाल सिंह ने कहा कि पंचायत में समस्या व्याप्त है. इसे दूर करने के लिये पिछले पांच वर्षों में ईमानदारी से पहल नहीं की गयी. पंचायत चुनाव के बाद भ्रष्टाचार काफी बढ़ गया.

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