बेरमो: सीसीएल के बीएंडके एरिया ने कोयला उत्पादन में चालू वित्तीय वर्ष में गत वर्ष की तुलना में अबतक करीब दस लाख एमटी ज्यादा उत्पादन किया है. अप्रैल माह से 25 अक्तूबर तक बीएंडके एरिया ने कुल 28,25,680 एमटी कोयले का उत्पादन किया है, जबकि गत वर्ष इस अवधि तक 17,68,942 एमटी कोयले का उत्पादन किया गया था.
वहीं प्रक्षेत्र अंतर्गत बोकारो कोलियरी ने चालू वित्तीय वर्ष के 31 अक्तूबर तक 23,475 एमटी, गिरिडीह परियोजना में विभागीय 2,13,516 एमटी तथा आउटसोर्स से 68,434 एमटी, खासमहल परियोजना से 8,06,278 एमटी, कोनार परियोजना से 4,83,706 एमटी, कारो परियोजना से 8,85,652 एमटी कोयले का उत्पादन किया है. इसके अलावा करगली कोलियरी से अभी तक उत्पादन शून्य है.
जीएम ने काटी छह कर्मियों की हाजिरी : बदहाली के दौर से गुजर रहे बोकारो व करगली कोलियरी में उत्पादन का ग्राफ बढाने को लेकर महाप्रबंधक खासे चितिंत हैं, लेकिन प्रबंधन को अबतक सफलता नहीं मिल सकी है. शनिवार को महाप्रबंधक रामविनय सिंह द्वितीय पाली में अचानक शाम पांच बजे बोकारो कोलियरी के डीडी माइंस पहुंचे तथा कार्यस्थल से नदारद कुल छह कर्मियों की हाजिरी काट दी, जिसमें चार डंपर ऑपरेटर, एक माइनिंग सरदार व एक मुंशी शामिल हैं. इस कार्रवाई से माइंस के कर्मियों में दहशत है. मालूम हो कि प्रक्षेत्र अंतर्गत बोकारो व करगली कोलियरी उत्पादन के मामले में पिछले कई वर्षों से बदहाली के दौर से गुजर रहे हैं.
हर माह दोनों परियोजना पर कंंपनी का करोड़ों रुपये बजट आता है, लेकिन उस अनुपात में उत्पादन नहीं हो पा रहा है.
क्या कहते हैं महाप्रबंधक : महाप्रबंधक रामविनय सिंह कहते हैं कि प्रक्षेत्र के उत्थान में सभी का सहयोग जरूरी है. इसी एरिया से प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से हजारों लोग जुड़े हैं. पर आलम यह है कि कई परियोजनाओं में कामगार हाजिरी बना कर चले जाते हैं. कंपनी कार्य के घंटे बढ़ाने को लेकर भी चितिंत है. ऐसे में कामगारों को भी कंपनी के प्रति अपना दायित्व समझना होगा. प्रक्षेत्र का भविष्य उज्जवल है. नयी कोनार परियोजना से प्रक्षेत्र को काफी उम्मीदें है. भविष्य में कारो परियोजना में सालाना 11 मिलियन टन के नये प्रोजेक्ट के अलावा डीआरएंडआरडी चालू हो जाने के बाद इस प्रक्षेत्र का भविष्य आगामी कई वर्षों के लिए सुरक्षित हो जायेगा.