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कौलेश्वरी पहाड़ किसी धरोहर से कम नहीं

कौलेश्वरी पहाड़ किसी धरोहर से कम नहीं फोटो- 25 सीएच 12 में पहाड पर स्थित मां कौलेश्वरी की मंदिर, 13 में पहाड़ पर स्थित तालाब, 14 में पत्थर में स्थित भगवान महावीर, 15 में इसी स्थान पर बौद्धिष्ठ कराते हैं अपना अंतिम संस्कार, तीन धर्मों (हिंदू, बौद्ध व जैन) का संगम स्थल हैयहां आकर बौद्धिष्ट […]

कौलेश्वरी पहाड़ किसी धरोहर से कम नहीं फोटो- 25 सीएच 12 में पहाड पर स्थित मां कौलेश्वरी की मंदिर, 13 में पहाड़ पर स्थित तालाब, 14 में पत्थर में स्थित भगवान महावीर, 15 में इसी स्थान पर बौद्धिष्ठ कराते हैं अपना अंतिम संस्कार, तीन धर्मों (हिंदू, बौद्ध व जैन) का संगम स्थल हैयहां आकर बौद्धिष्ट जीते जी अंतिम संस्कार कराते हैंधरातल से 1500 फीट उंचाई पर स्थित है कौलेश्वरी मंदिरयहां देश के अलावा विदेश से भी श्रद्धालु आते हैंदशहरा व चैत माह में यहां लोगों की भीड़ जुटती है प्रतिनिधि, चतराहंटरगंज प्रखंड में स्थित कौलेश्वरी पहाड़ किसी धरोहर से कम नहीं है़ यहां कि धार्मिक व सांस्कृतिक गतिविधियां अदभुत है़ उक्त स्थल तीन धर्मों (हिंदू, बौद्ध व जैन) का संगम स्थल है़ यहां आकर बौद्धिष्ट अपना जीते जी अंतिम संस्कार कराते हैं. यहां भगवान महावीर व भगवती कौलेश्वरी की मूर्ति है़ धरातल से 1500 फीट उंचाई पर स्थित है कौलेश्वरी मंदिर. इस पहाड़ पर मौजूद तालाब अपने आप में अनोखा है, जो आज तक नहीं सूखा है़ इसी तालाब में स्नान कर तीनों धर्म के लोग अपने देवी, देवता व गुरुओं की पूजा-अर्चना करते हैं. दशहरा व चैत माह में यहां लोगों की भीड़ जुटती है़ नवरात्र में यहां दस दिनों तक मेला लगता है़ हिंदू धर्म के लोग माघ व चैत माह में पहाड़ पर पहुंच कर बच्चों का मुंडन संस्कार कराते हैं. देश-विदेश से आते हैं श्रद्धालुयहां झारखंड, बिहार, बंगाल, ओड़िश, छत्तीसगढ़ व कोलकात के अलावा विदेशों से भी लोग आते हैं. नेपाल, भूटान, तिब्बत व मॉरिशस से श्रद्धालु यहां पहुंचते हैं. उक्त देश के श्रद्धालु हवाई जहाज से बोध गया आते हैं. वहां से सड़क मार्ग से यहां आते हैं. गया से 55 व चतरा से 35 किलोमीटर दूरी पर स्थित है यह पहाड़़ यहां हंटरगंज, जोरी व घंघरी होकर पहुंच सकते है़ं पर्यटन स्थल का दर्जा दिलायेंगे: डीसीडीसी अमित कुमार ने कहा कि कौलेश्वरी पहाड़ एक रमणिक स्थल है़ यहां का दृश्य अदभ्त है़ उन्होंने कहा कि इस स्थल को पर्यटन स्थल का दर्जा दिलाने के लिए सभी लोगों को आगे आने की आवश्यकता है़ मुख्यमंत्री को यहां कि वस्तु स्थिति से अवगत करा कर इटखोरी महोत्सव की तरह कौलेश्वरी महोत्सव करा कर राजकीय महोत्सव में शामिल करने की मांग करेंगे़

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