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त्रिकोणात्मक संघर्ष में फंसे हैं पूर्व मंत्री वृषिण पटेल

वैशाली जिले का राजनीतिक रसूख सबसे अलग है. लालू प्रसाद के दोनों बेटों की उम्मीदवारी के कारण इस जिले के चुनावी जंग पर सबकी नजरें टिकी हैं. अब तक वैशाली में सामाजिक न्याय का सिक्का चलता रहा है. पिछले विधानसभा चुनाव में यहां की आठ सीटों में से पांच पर जदयू और तीन पर भाजपा […]

वैशाली जिले का राजनीतिक रसूख सबसे अलग है. लालू प्रसाद के दोनों बेटों की उम्मीदवारी के कारण इस जिले के चुनावी जंग पर सबकी नजरें टिकी हैं. अब तक वैशाली में सामाजिक न्याय का सिक्का चलता रहा है.
पिछले विधानसभा चुनाव में यहां की आठ सीटों में से पांच पर जदयू और तीन पर भाजपा ने कब्जा किया था. इस बार कई सीटों पर जद यू के नेता पाला बदल चुके हैं. आइए, जानते हैं वैशाली के ताजा चुनावी हालात.
मिथिलेश
वैशाली जिले की आठ विधानसभा सीटों पर इस बार दिलचस्प मुकाबला होने जा रहा है. लालू- राबड़ी के दो बेटों की उम्मीदवारी से वैशाली पर सबकी नजरें टिकी हुई हैं. इसके अलावा, वैशाली का राजनीतिक समीकरण भी इस बार बदला हुआ है. पिछले चुनाव में जदयू के टिकट से जीते तीन प्रत्याशी इस बार एनडीए से प्रत्याशी हैं. कुछ सीटों पर बागियों ने दलीय प्रत्याशियों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं.
राघोपुर विधानसभा सीट से लालू के छोटे बेटे तेजस्वी यादव चुनाव मैदान में हैं. वहीं उनके बड़े बेटे तेजप्रताप यादव महुआ विधानसभा की सीट पर महागंठबंधन से उम्मीदवार बने हैं. लालू और नीतीश कुमार ने दोनों सीटों को अपनी प्रतिष्ठा से जोड़ लिया है. राघोपुर और महुआ को लेकर महागंठबंधन की गंभीरता का अंदाजा इस बात से ही लगाया जा सकता है कि दोनों सीटों पर लालू प्रसाद का पूरा कुनबा चुनाव प्रचार में जुटा हुआ है.
खुद लालू प्रसाद वहां आधे दर्जन से अधिक चुनावी सभाएं कर चुके हैं. उनके अलावे पूर्व मुख्यमंत्री राबडी देवी, पुत्री मीसा भारती की भी कई सभाएं हो चुकी है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी दोनों विधानसभा क्षेत्रों में अपनी सभाएं आयोजित कर चुके हैं. राघोपुर में एनडीए से भाजपा के टिकट पर मौजूदा विधायक सतीश कुमार मैदान में हैं, जबकि महुआ की सीट पर रवींद्र राय हम से उम्मीदवार हैं. सतीश कुमार और रवींद्र राय दोनों ही 2010 के चुनाव में जदयू के उम्मीदवार थे और उन्हें जीत हासिल हुई थी. एनडीए ने भी इन दोनों सीटों को गंभीरता से लिया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रविवार को चुनावी सभा आयोजित की गयी है.
अन्य सीटों में हाजीपुर की सीट पर लोजपा प्रमुख रामविलास पासवान की प्रतिष्ठा भी दावं पर है. हम के नेता और पूर्व मंत्री वृषिण पटेल वैशाली की सीट से उम्मीदवार हैं. 2010 के चुनाव में वह जदयू के टिकट पर चुनाव लड़े और विजयी हुए. इस बार परिस्थितियां बदली हुई है. पटेल के विरोधियों ने इस बार उनके घर में ही उन्हें घेरने की योजना बनायी है. उनके मुकाबले राजकिशोर सिंह को उम्मीदवार बनाया है. मुस्लिम मतदाताओं के बीच महताब खान घूम रहे हैं. वैशाली को लोकतंत्र की जननी भी कहा जाती है.
(इनपुट- हाजीपुर से चंद्रभूषण सिंह शशि)
राघोपुर
लालू-राबड़ी की साख से सीधे जुड़ गया चुनाव
राघोपुर विधानसभा सीट पर इस बार सवाल राजद प्रमुख लालू प्रसाद और पूर्व मुखयमंत्री राबड़ी देवी की साख का है. लालू और राबड़ी दोनों यहां से विधायक निर्वाचित हो चुके हैं. इस बार उनके पुत्र तेजस्वी यादव को महागंठबंधन ने अपना उम्मीदवार बनाया है. 2010 के चुनाव में जदयू और राजद एक दूसरे के खिलाफ रहा था.
तब जदयू के उम्मीदवार सतीश कुमार ने राजद की राबड़ी देवी को पराजित किया था. इस बार जदयू ने सतीश कुमार का टिकट काट दिया और लालू-राबडी के बेटे को उम्मीदवार बनाया. इससे नाराज सतीश कुमार ने भाजपा का दामन थाम लिया है. मुकाबला कड़ा है.
महुआ
बेटा चुनाव मैदान में, लालू लगा रहे जोर
महुआ विधानसभा सीट पर उम्मीदवार भले ही तेज प्रताप यादव हों, लेकिन, प्रतिष्ठा उनके पिता राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद की दावं पर है. महागंठबंधन ने इस बार तेज प्रताप को अपना उम्मीदवार बनाया है. उनके मुकाबले एनडीए से हम के रवींद्र राय उम्मीदवार हैं. मौजूदा सीट जदयू की रही है.
2010 के चुनाव में यहां से रवींद्र राय जदयू के टिकट पर चुनाव जीते थे. इस बार रवींद्र राय एनडीए खेमे में हैं और पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी की पार्टी (हम) से उम्मीदवार हैं. राजद के लिए चुनौती 2010 के प्रत्याशी रहे जागेश्वर राय बन गये हैं. वे यहां से निर्दलीय उम्मीदवार हैं.
हाजीपुर
मुकाबला आमने-सामने
हाजीपुर विधानसभा सीट पर एनडीए और महागंठबंधन के बीच सीधा मुकाबला दिख रहा है. भाजपा के खाते की यह सीट लोजपा की झोली में गयी है. लोजपा ने अवधेश राय को चुनाव मैदान में उतारा है. एनडीए के मुकाबले के लिए महागंठबंधन से कांग्रेस के जगन्नाथ राय प्रत्याशी बनाये गये हैं.
जगन्नाथ राय इसके पूर्व भी हाजीपुर से विधायक निर्वाचित हो चुके हैं. बाद में कई वर्षाें तक वे विधान परिषद के सदस्य रहे. इस बार के चुनाव में कुल 15 प्रत्याशी चुनाव मैदान मे हैं. हाजीपुर केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान का संसदीय क्षेत्र है. इस लिहाज से हाजीपुर विधानसभा क्षेत्र से उनकी साख भी जुड़ी हुई है.
महनार
बागियों की चुनौती से परेशानी
महनार विधानसभा की सीट पर इस बार बागी चुनौती बन रहे हैं. बागियों से हर दल जूझ रहा है. यहां एनडीए ने मौजूदा विधायक डॉ अच्युतानंद को अपना उम्मीदवार बनाया है. अच्युतानंद भाजपा के विधायक रहे हैं. 2010 में उनकी जीत हुई थी. महागंठबंधन ने उनके मुकाबले जदयू के उमेश पंडित को अपना उम्मीदवार घोषित किया है. एसयूसीआइ ने रंजीत पंडित को प्रत्याशी बनाया है.
यहां कुल 24 उम्मीदवार इस बार मैदान में हैं. भाजपा के सामने यह सीट बचाने की चुनौती है, तो महागंठबंधन के समक्ष यह सीट हासिल करने का कार्यभार है. क्षेत्र में जातीय गोलबंदी तेजी है. दोनों खेमों की ओर से प्रचार भी चरम पर है.
पातेपुर
आमने-सामने का मुकाबला
पातेपुर सुरक्षित विधानसभा की सीट पर इस बार एनडीए और महागंठबंधन के बीच आमने -सामने का मुकाबला दिख रहा है. एनडीए ने इस बार मौजूदा विधायक महेंद्र बैठा को अपना उम्मीदवार घोषित किया है, जबकि महागंठबंधन ने राजद की प्रेमा चौधरी को अपना प्रत्याशी घोषित किया है, जो पहले भी विधायक रह चुकी हैं. भाकपा माले से राजेश पासवान हैं. इस बार कुल 21 प्रत्याशी मैदान मे हैं.
राजापाकर (सु)
चार के बीच मुकाबला
राजापाकर सुरक्षित सीट पर इस बार चतुष्कोणीय मुकाबला होने वाला है. एनडीए ने जहां लोजपा के रामनाथ रमण को अपना उम्मीदवार घोषित किया है. वहीं महागंठबंधन से राजद के शिवचंद्र राम हैं.
भाजपा के कभी मजबूत स्तंभ रहे पूर्व केंद्रीय मंत्री दंसई चौधरी भी निर्दलीय उम्मीदवार हैं. वहीं 2010 के चुनाव में लोजपा से प्रत्याशी रहे गौरीशंकर पासवान भी निर्दलीय चुनाव मैदान में खडे हैं. रामशंकर भारती भाकपा के उम्मीदवार हैं.
लालगंज
दिलचस्प होगा मुकाबला
लालगंज में इस बार दिलचस्प मुकाबला है. महागंठबंधन ने जदयू की अन्नु शुक्ला की जगह उनके पति विजय कुमार शुक्ला उर्फ मुन्ना शुक्ला को प्रत्याशी बनाया है. जबकि भाजपा गंटबंधन ने उनके मुकाबले राजकिशोर शाह को अपना उम्मीदवार घोषित किया है. सीपीआइ ने इंदुभूषण विनय को चुनाव मैदान में उतारा है. 17 प्रत्याशी मैदान में हैं. 2010 में राजकुमार शाह ने निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में 33 हजार से अधिक वोट हासिल किया था.
वैशाली
त्रिकोणात्मक संघर्ष में फंसे हैं पूर्व मंत्री वृषिण पटेल
वैशाली में विधायक वृषिण पटेल त्रिकोणात्मक संघर्ष में उलझ गये हैं. श्री पटेल पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी की पार्टी (हम) से प्रत्याशी हैं. दूसरी ओर महागंठबंधन की ओर से जदयू के राजकिशोर सिंह प्रत्याशी हैं. पप्पू यादव की पार्टी ने महताब खां को अपना उम्मीदवार घोषित किया है. तीनों उम्मीदवार के बीच कांटे की टक्कर है. हालांकि, अंतिम समय में लड़ाई आमने-सामने की होने की संभावना है.

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