इस्तीफा दें जनरल वीके सिंह, पीएम भी तोड़े चुप्पी : महागंठबंधनमहागंठबंधन ने भाजपा से पूछे पांच सवालसंवाददाता, पटना हरियाणा में दो दलित बच्चों की जिंदा जलाने पर केंद्रीय राज्य मंत्री जनरल वी. के. सिंह के आये बयान की जदयू-राजद-कांग्रेस महागंठबंधन ने तीखी आलोचना की है. जदयू प्रदेश कार्यालय में प्रेस कांफ्रेंस कर महागंठबंधन ने जनरल वी. के. सिंह को इस्तीफा देने और प्रधानमंत्री को चुप्पी तोड़ने की मांग की है. साथ ही पांच सवाल किये हैं. प्रेस कांफ्रेंस में जदयू के राज्यसभा सांसद पवन वर्मा ने कहा कि चुनाव आते-जाते रहते हैं, राजनीतिक मतभेद भी रहती है, लेकिन हरियाणा में जो घटना घटी है उस पर एक केंद्रीय राज्य मंत्री वी के सिंह का बयान कि ऐसी घटनाएं होती रहती है और अगर दलित की कुत्ते से की गयी तुलना उनके असंवेदनशील व अभद्र भाषा को दर्शाता है. उन्होंने केंद्र व भाजपा से पांच सवाल भी पूछे हैं. पवन वर्मा ने कहा कि जब दो बच्चों को जिंदा जला दिया गया, उस पर केंद्र का मंत्री बयान दे तो यह कैसी मानसिकता है? संघ प्रमुख मोहन भागवत आरक्षण पर बयान दिया वे उस पर कायम भी हैं, जबकि भाजपा सफाई पर सफाई दे रही है, ऐसे में दलित-गरीब विरोधी बयान सामंती प्रवृत्ति का परिचायक है. ऐसी घटना की जिम्मेदारी किसकी है? केंद्र और राज्य दोनों में भाजपा की सरकार है. सबका साथ-सबका विकास की बात करने वाले प्रधानमंत्री ऐसे मामलों को चुप क्यों हैं? उन्हें अपनी चुप्पी तोड़नी चाहिए. उन्होंने कहा कि भाजपा का तरीका बन गया है कि पहले बयान दो और फिर उसके लिए माफी मांग लो. बाद में तो पत्रकारों पर भी बरस पड़े हैं. पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी को पद से हटाये जाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि शुरू में तो भाजपा मांझी जी की आलोचना करती थी, लेकिन तीन-चार महीने के बाद ही वे भाजपा से जुड़ गये. पार्टी विश्वासघात बर्दाश्त नहीं कर सकती थी. इसलिए उन्हें हटाया गया. पूर्व मंत्री डा. भीम सिंह के भाजपा में शामिल होने के सवाल पर कहा कि जब पार्टियां देखती है कि जनाधार खिसक गया है तो वो तरह-तरह का हथकंडा अपनाती है. प्रेस कांफ्रेंस जदयू प्रवक्ता घनश्याम तिवारी, कांग्रेस प्रवक्ता हरकु झा व तनवीर हसन मौजूद थे. दलित-पिछड़ों का विरोध बंद करे भाजपा : मनोज झाराजद के राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रो. मनोज झा ने कहा कि देश के प्रधानमंत्री और प्रदेश (हरियाणा) के मुख्यमंत्री आरएसएस के प्रचारक हैं वहां की घटना पर केंद्रीय राज्य मंत्री वी. के. सिंह ने जो कुछ कहा वह उनके लिए नया नहीं है. आरएसएस के गुरुगोलबरकर ने 1966 में यह कह दिया था. भाजपा दलित-पिछड़ों का विरोध बंद करे. वी. के. सिंह ने यह पत्थर सिर्फ दलित पर नहीं चलाया है, बल्कि संविधान पर चलाया है. हरियाणा की घटना में दो मासूम बच्चे जल कर नहीं मरे, बल्कि संविधान जला है. अगर आम आदमी वह बयान देता तो उसकी गिरफ्तारी हो जाती और कम से कम एक साल की सजा होती. उन्होंने कहा कि गरीब विरोधी तो उन लोगों के डीएनए में है. वे लहू-लुहान कर सिर्फ माफी मांगने का काम करते हैं और दलित समाज को कुंद करते हैं.
इस्तीफा दें जनरल वीके सिंह, पीएम भी तोड़े चुप्पी : महागंठबंधन
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