लंदन : पंजाब में पुलिस की कथित बर्बरता के खिलाफ यहां भारतीय उच्चायोग के बाहर किए जा रहे सिखों के एक प्रदर्शन के हिंसक हो जाने से एक पुलिसकर्मी घायल हो गया जिसके बाद ब्रिटेन की पुलिस ने 20 प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार कर लिया. पंजाब में सिखों के खिलाफ पुलिस की कथित बर्बरता के विरोध में ‘सिख लाइव्ज मैटर’ समूह के सैकडों प्रदर्शनकारी कल धरना देने के लिए एकत्र हुए लेकिन शांतिपूर्वक शुरू हुआ यह प्रदर्शन बाद में हिंसक हो गया जिसके कारण पुलिस को मध्य लंदन में भारतीय मिशन के आस पास के इलाके की घेरेबंदी करनी पडी. पुलिस ने बताया कि उन्हें भारतीय उच्चायोग के बाहर ‘‘नियोजित प्रदर्शन” की जानकारी थी लेकिन प्रदर्शनकारियों ने सडक बंद करके यातायात बाधित कर दिया जिसके कारण उन्हें कार्रवाई करने पर मजबूर होना पडा.
मेट्रोपोलिटन पुलिस सर्विस ने एक बयान में कहा, ‘‘ हालांकि शुरुआत में यह विरोध प्रदर्शन शांतिपूर्ण था लेकिन प्रदर्शनकारियों ने अल्दविच में सडग मार्ग बाधित कर दिया जिसके कारण मध्य लंदन सडक नेटवर्क पर यातायात बाधित हो गया।” उसने कहा, ‘‘ पुलिस के संपर्क अधिकारियों ने वहां मौजूद लोगों से वार्ता करने की कोशिश की ताकि वे शांतिपूर्ण प्रदर्शन करें और आम लोगों को कम से कम मुश्किल हो.”
बयान में कहा गया है, ‘‘ अतिरिक्त अधिकारियों को इलाके में भेजा गया जिनमें माउंटेड ब्रांच के अधिकारी भी शामिल थे। प्रदर्शनकारियों का एक छोटा समूह पुलिस के प्रति हिंसक हो गया।” मेट्रोपोलिटन पुलिस सर्विस ने बताया कि इस हिंसा के दौरान एक पुलिस अधिकारी के सिर पर चोट लगी और उसे अस्पताल ले जाया गया. इस दौरान किसी अन्य व्यक्ति के घायल होने की सूचना नहीं है.
उसने कहा, ‘‘ 20 लोगों को गिरफ्तार किया गया है और इनमें से अधिकतर की गिरफ्तारी हिंसा करने के कारण की गई है.” घटनास्थल पर मौजूद सिख पीए के प्रवक्ता जसवीर सिंह गिल ने कहा, ‘‘ इस प्रदर्शन का मकसद जागरुकता पैदा करना था और भारतीय अधिकारियों को यह दिखाना था कि ब्रिटेन के सिख पंजाब में उन सिखों के समुदाय के साथ एकजुट हैं जिन्हें भारतीय अधिकारी पीडित कर रहे हैं.” सिखों की पवित्र पुस्तक गुरु ग्रंथ साहिब की कथित बेअदबी के खिलाफ प्रदर्शन में पुलिस की कार्रवाई और दो युवकों की हत्या के विरोध में पंजाब में सिख संगठन द्वारा आहूत बंद के मद्देनजर पिछले सप्ताह राज्य के कई हिस्सों में यातायात सेवाएं बाधित रही थीं और कई वाणिज्यिक एवं शैक्षणिक संस्थान प्रभावित हुए थे.