नयी दिल्ली : पूर्व मीडिया दिग्गज इंद्राणी मुखर्जी के एक जानकार की भूमिका वर्ष 2012 के शीना बोरा हत्याकांड की जांच कर रही सीबीआई के निशाने पर आ गई है. यह जानकार इंद्राणी के पति के लिए काम कर चुका है.
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शीना बोरा मर्डर मिस्ट्री : इंद्राणी के एक जानकार पर सीबीआई की नजर
नयी दिल्ली : पूर्व मीडिया दिग्गज इंद्राणी मुखर्जी के एक जानकार की भूमिका वर्ष 2012 के शीना बोरा हत्याकांड की जांच कर रही सीबीआई के निशाने पर आ गई है. यह जानकार इंद्राणी के पति के लिए काम कर चुका है. सीबीआई के सूत्रों ने कहा कि पूछताछ के दौरान इंद्राणी द्वारा किए गए दावों […]
सीबीआई के सूत्रों ने कहा कि पूछताछ के दौरान इंद्राणी द्वारा किए गए दावों की पुष्टि के लिए एजेंसी के दल ने हाल ही में इंद्राणी के इस जानकार की तलाश की. यह जानकार कोलकाता का निवासी है और इंद्राणी के पूर्व पति पीटर मुखर्जी का पूर्व कर्मचारी है.
सूत्रों ने दावा किया कि इस जानकार का नाम मुंबई पुलिस की जांच में सामने नहीं आया था. केंद्रीय जांच एजेंसी इस नई कडी की गहराई से पडताल करेगी क्योंकि इससे इस मामले के बारे में कुछ नए तथ्य और संभावित उद्देश्य भी सामने आ सकते हैं.
उन्होंने कहा कि इस नए व्यक्ति की संदिग्ध संलिप्तता से सीबीआई के लिए जांच का एक पूरी तरह से नया कोण सामने आ सकता है. सीबीआई शीना की हत्या के पीछे के संभावित उद्देश्यों को तलाश रही है.
इंद्राणी, उसके पूर्व पति संजीव खन्ना और चालक श्यामवर राय को अप्रैल 2012 में शीना की हत्या करने और उसके शव को मुंबई के पास रायगढ़ में एक जंगल में ठिकाने लगाने के आरोप में गिरफ्तार किया जा चुका है.
24 वर्षीय शीना इंद्राणी की पहली शादी से पैदा हुई बेटी थी. उसकी हत्या 24 अप्रैल 2012 को कर दी गई थी. अगले दिन उसके शव को जलाकर ठिकाने लगा दिया गया था. मुंबई पुलिस ने रायगढ के जंगल से एक शव के अवशेष खोदकर निकाले थे और फिर दावा किया कि शीना के प्रोफाइल और जंगल से बरामद खोपडी का डिजीटल सुपरइंपोजिशन एक दूसरे से मेल खाता है.
पुलिस ने इंद्राणी के पति पीटर से गहन पूछताछ की, हालांकि वह मामले में आरोपी नहीं हैं. मामले के संबंध में जिन दूसरे लोगों से पूछताछ की गयी उनमें पीटर के बेटे राहुल मुखर्जी और इंद्राणी एवं संजीव खन्ना की बेटी विधि शामिल हैं.
हाल में सीबीआई को मामले की जांच का जिम्मा सौंपा गया और उससे पहले मुंबई पुलिस यह काम कर रही थी. सीबीआई ने शस्त्र अधिनियम के तहत और भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दायर किया जिनमें आपराधिक साजिश, हत्या, अपहरण, सबूत नष्ट करना, जहर देकर नुकसान पहुंचाने से संबंधित धाराएं शामिल हैं.
सीबीआई को जांच का जिम्मा सौंपने का फैसला मुंबई पुलिस के पूर्व प्रमुख राकेश मारिया की देखरेख संबंधी भूमिका पर कई दिनों तक अनिश्चितता बने रहने के बाद आया. जांच के बीच में ही मारिया का तबादला कर दिया गया जो सक्रियता से मामले पर ध्यान दे रहे थे.
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