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गोल्डमैन साक्श के म्यूचुअल फंड कारोबार का अधिग्रहण करेगी रिलायंस

मुंबई : अनिल अंबानी की अगुवाई वाले समूह रिलायंस समूह की इकाई रिलायंस कैपिटल एसेट मैनेजमेंट (आरसीएएम) ने वैश्विक कंपनी गोल्डमैन साक्श के भारत में म्यूचुअल फंड कारोबार का 243 करोड रुपये में अधिग्रहण करने की आज घोषणा की. सौदा पूरी तरह नकद होगा. सौदे के तहत आरसीएएम 7,132 करोड रुपये की प्रबंधन अधीन परिसंपत्ति […]

मुंबई : अनिल अंबानी की अगुवाई वाले समूह रिलायंस समूह की इकाई रिलायंस कैपिटल एसेट मैनेजमेंट (आरसीएएम) ने वैश्विक कंपनी गोल्डमैन साक्श के भारत में म्यूचुअल फंड कारोबार का 243 करोड रुपये में अधिग्रहण करने की आज घोषणा की. सौदा पूरी तरह नकद होगा. सौदे के तहत आरसीएएम 7,132 करोड रुपये की प्रबंधन अधीन परिसंपत्ति के साथ गोल्डमैन साक्श की सभी 12 म्यूचुअल फंड योजनाओं का अधिग्रहण करेगी. इस अधिग्रहण के साथ रिलायंस म्यूचुअल फंड सरकार की महत्वाकांक्षी सेंट्रल पब्लिक सेक्टर इंटरप्राइजेज (सीपीएसई) एक्सचेंज ट्रेडेड फंड की एकमात्र कोष प्रबंधक बन जाएगी. आरसीएएम की मूल कंपनी रिलायंस कैपिटल ने एक बयान में कहा कि दोनों कंपनियों के निदेशक मंडलों ने सौदे को मंजूरी दे दी है और इसके चालू वित्त वर्ष में पूरा होने की उम्मीद है.

रिलायंस कैपिटल अनिल अंबानी की अगुवाई वाले रिलायंस समूह की वित्तीय सेवा इकाई है. कंपनी बीमा, ब्रोकरेज और संपत्ति प्रबंधन समेत अन्य क्षेत्र में काम कर रही है. गोल्डमैन साक्श को पिछले साल सीपीएसई ईटीएफ के प्रबंधन की जिम्मेदारी मिली थी. सरकार ने इसके जरिये विनिवेश कार्यक्रम के तहत 10 केंद्रीय उपक्रमों में अपनी हिस्सेदारी बेचकर अब तक 4,000 करोड रुपये जुटाये हैं. इस सौदे से जहां एक तरफ आरसीएएम की स्थिति मजबूत होगी वहीं 13 लाख करोड रुपये के भारतीय म्यूचुअल फंड उद्योग से एक और विदेशी कंपनी बाहर हो रही है.

आरसीएएम रिलायंस म्यूचुअल फंड का परिचालन करती है और उसकी प्रबंधन अधीन परिसंपत्ति 2.5 लाख करोड रुपये से अधिक है. इसमें म्यूचुअल फंड, पेंशन कोष आदि शामिल हैं. गोल्डमैन साक्श ने भारतीय म्यूचुअल फंड उद्योग में 2011 में बेंचमार्क म्यूचुअल फंड का 120 करोड रुपये में अधिग्रहण कर कदम रखा था. पिछले कुछ साल में कई विदेशी कंपनियां भारतीय म्यूचुअल फंड कारोबार से बाहर हुई हैं. इससे पहले, स्टैंडर्ड चार्टर्ड ने 2008 में भारत में अपना म्यूचुअल फंड कारोबार आईडीएफसी को बेचा था. फिडेलिटी ने 2012 में अपना म्यूचुअल फंड कारोबार एल एंड टी फाइनेंस को बेचा था जबकि पिछले साल एचडीएफसी म्यूचुअल फंड ने मोर्गन स्टेनले के भारतीय म्यूचुअल फंड कारोबार को खरीदा था.

इसके अलावा, बिडला सनलाइफ ने आईएनजी म्यूचुअल फंड, कोटक एमएफ ने पिने ब्रिज म्यूचुअल फंड को खरीदा तथा प्रामेरिका ने ड्यूश्चे बैंक के भारत में म्यूचुअल फंड कारोबार को खरीदा. देश में अभी 40 म्यूचुअल फंड कंपनियां हैं जिनकी प्रबंधन अधीन परिसंपत्ति 133 लाख करोड रुपये से अधिक है. एचडीएफसी म्यूचुअल फंड भी गोल्डमैन साक्श इंडिया म्यूचुअल फंड संपत्ति को खरीदने में लगी थी लेकिन ऐसा नहीं हो पाया. बहरहाल, इस सौदे से रिलायंस म्यूचुअल फंड को अपनी दो प्रमुख प्रतिद्वंद्वी कंपनियों के बीच अंतर पाटने में मदद मिलेगी.

वैश्विक स्तर पर गोल्डमैन साक्श ऐसेट मैनेजमेंट एक प्रमुख कोष प्रबंधक है जिसकी विभिन्न देशों में प्रबंधन अधीन परिसंपत्ति 1,190 अरब डालर से अधिक है. दोनों कंपनियों के बयान के अनुसार, ‘रिलायंस कैपिटल एसेट मैनेजमेंट ईटीएफ समेत जीएसएएम इंडिया के भारत में म्यूचुअल फंड योजनाओं को 243 करोड रुपये (3.75 करोड डालर) में खरीदेगी. बयान में कहा, ‘सौदा चालू वित्त वर्ष के अंत तक पूरा होने की उम्मीद है जो जरुरी नियामकीय मंजूरी पर निर्भर है.’

रिलायंस कैपिटल के कार्यकारी निदेशक सैम घोष ने कहा, ‘आरसीएम द्वारा यह अधिग्रहण अपने कारोबार को चुनिंदा अधिग्रहण के जरिये मजबूत करने की रणनीति की दिशा में पहला महत्वपूर्ण कदम है. जीएसएम इंडिया के पास अच्छी योजनाएं और प्रतिभाशाली टीम है. हमें विश्वास है कि साथ मिलकर वे एक-दूसरे के पूरक होंगे.’ गोल्डमैन साक्श इंडिया के चेयरमैन एस चटर्जी ने कहा, ‘जीएसएएम भारतीय ग्राहकों को निरंतर वैश्विक संपत्ति प्रबंधन सेवाएं देती रहेगी और भारतीय प्रतिभूतियों में प्रमुख निवेशक बनी रहेगी.’

आरसीएम के सीईओ संदीप सिक्का ने कहा कि सौदे से कंपनी की बाजार हिस्सेदारी में 0.5 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि होगी. उन्होंने कहा, ‘हम यह सुनिश्चित करेंगे कि हम जीएसएम इंडिया के निवेशकों के लिये योजनाओं को सुचारु रूप से बनाये रखें. आगे हम इस प्रकार के और अधिग्रहण पर विचार करेंगे जिससे हमें मजबूती मिले और हमारा पोर्टफोलियो मजबूत हो.’

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