22.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

माता से जनता की पुकार

आज देश में हर जगह भय, भूख और भ्रष्टाचार का बोलबाला है. आश्चर्य तो यह है कि व्यवस्था परिवर्तन के नाम पर सत्ता संभालनेवाले लोगों ने इन समस्याओं पर चुप्पी साध रखी है और बेचारी जनता इस आलम में ठगी-सी महसूस कर रही है. पेश है एक मौजूं कविता- मां हर बेटे का मंगल चाहे, […]

आज देश में हर जगह भय, भूख और भ्रष्टाचार का बोलबाला है. आश्चर्य तो यह है कि व्यवस्था परिवर्तन के नाम पर सत्ता संभालनेवाले लोगों ने इन समस्याओं पर चुप्पी साध रखी है और बेचारी जनता इस आलम में ठगी-सी महसूस कर रही है. पेश है एक मौजूं कविता-
मां हर बेटे का मंगल चाहे, संतानें ही स्वार्थी हो जातीं.
कोई शैतान कहे कोई नरभक्षी, सुनकर फटती मां की छाती.
देवी रूपी कन्या बलात्कार झेलें, विरोध करें तो होगी राजनीति.
दल अब दस्यु गिरोह हो गए, जनता काश इसे समझ पाती.
सत्ता के लिए अफवाह फैला, मानवता की बलि दी जाती.
पुत्र कुपुत्र भले ही हो जाते, माता कुमाता नहीं हो जाती.
अब तो ऐसा एक लाल दे दो, बचा सके भाईचारे की थाती.
– गुलाम कुंदनम, ई-मेल से

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें