गुड़ आयरन का एक प्रमुख स्रोत है. सर्दियों में चीनी की जगह गुड़ मीठे का सबसे अच्छा विकल्प है. खून की कमी से ग्रस्त एनीमिक व्यक्ति को चीनी के स्थान पर इसके सेवन की सलाह दी जाती है. गुड़ खनिज लवण से भरपूर होता है. इसलिए यह बुजुर्गों की खासा पसंद होता है.
गुड़ को बनाने में किसी भी प्रकार के केमिकल इस्तेमाल नहीं किये जाते जो इसे शुद्धता का प्रमाण देने के लिए काफी है. सर्दियों में तिल के साथ इसका सेवन करने से सर्दी-जुकाम और पुराने नजले से छुटकारा पाया जा सकता है.
पुराना गुड़ अधिक अच्छा माना जाता है. लेकिन अगर पुराना गुड़ न मिले तो नए को ही कुछ देर धूप में रखने से वह पुराने की तरह गुणकारी हो जाता है.
खाना खाने के बाद रोजाना गुड़ की डली मुँह में रख कर चूसने से पाचन क्रिया दुरुस्त रहती है. इसी तरह गुड़ के कई प्रयोग हैं. आइए जाने गुड़ के स्वास्थ्य लाभ…
-गुड़ खाने से वायुविकार अर्थात गैस से भी मुक्ति मिलती है और एसिडिटी नहीं होती.
-250 ग्राम कच्चा पीसा जीरा और 250 ग्राम गुड़ को मिला कर इसकी गोलियाँ बना लें. दो-दो गोली रोज दिन में तीन बार खाने से यूरिन सम्बंधित बीमारी में लाभ मिलता है.
-एनीमिया से ग्रस्त लोगों को गुड़ की चाय, दूध के साथ गुड़ या गुड़ की लस्सी पीने से लाभ होता है.
-20 ग्राम गुड़ और 1चम्मच आँवले का चूर्ण रोजाना लेने से वीर्य की दुर्बलता दूर होती है और वीर्य पुष्ट होता है.
-गुड़ और शुद्ध घी मिला कर खाने से शरीर तगड़ा होता है. इससे रक्तविकार और रक्तपित्त नहीं होता.
-सर्दियों में गुड़, अदरक और तुलसी के पत्तों का काढ़ा बना कर गर्मागर्म पीना अच्छा रहता है. यह सर्दी-जुकाम से बचाता है.
-गुड़ तेजी से रक्त में नही मिलता है इसलिए यह चीनी की तुलना में, अधिक स्वास्थ्यवर्धक है.