मुजफ्फरपुर: राजद सुप्रीमो सह पूर्व सीएम ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व केंद्र की भाजपा सरकार पर जमकर हमला बोला. उन्होंने झूठ बोल कर लोकसभा चुनाव में वोट लेने आरोप लगाया. गायघाट, औराई, मोतीपुर, मड़वन व मुरौल की चुनावी सभाओं में राजद सुप्रीमो ने कहा, पीएम नरेंद्र मोदी ने पांच करोड़ युवाओं को हर वर्ष नौकरी देने का वादा किया था. भाजपा युवाओं की नौकरी खा गयी. अब नौकरी के नाम पर पीएम के साथ सभी केंद्रीय मंत्रियों की बोलती बंद है. अब बिजनेस करने की सलाह दे रहे हैं. यहां के युवा नरेंद्र मोदी के झूठ से ऊब चुके हैं.
सभी युवा अपने हक की लड़ाई के लिए महागंठबंधन के साथ आ गये हैं. नीतीश कुमार को फिर सीएम बनने से पीएम नरेंद्र मोदी, भाजपा अध्यक्ष अमित शाह व आरएसएस नहीं रोक सकते हैं. राजद सुप्रीमो ने अच्छे दिन के वादे पर भाजपा को घेरने की कोशिश की. कहा, दाल दो सौ रुपये व प्याज 60-70 रुपये किलो है. महंगाई को समाप्त करने का वादा किया था. सरकार बनते ही महंगाई काे सीढ़ी लगा दी. महंगाई शब्द ही भाजपा नेताओं की जुबान से गायब है. लोग दुकानों में दाल-प्याज देखकर संतोष कर रहे हैं.
मोदी ने कहा था कालेधन का 15 लाख रुपये हर आदमी के खाते में आयेंगे, आज तक एक 15 सौ रुपये नहीं मिले. बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने का वादा किया था, वह भी नहीं दे सका. कहा, देश की सुरक्षा करेंगे. पीएम बनने से पहले 56 इंच का सीना दिखाते थे. चीन बंकर ध्वस्त कर रहा है. पीएम की बाेलती बंद है.
अपने डेढ़ वर्ष के शासन के दौरान भाजपा बताये उसने क्या किया?लालू प्रसाद ने कहा, इतना झूठ बोलने से संतोष नहीं हुआ तो भाजपा ने देश से आरएसएस के इशारे पर आरक्षण व्यवस्था ही समाप्त करने की साजिश रच दी. देश की संपूर्ण संपत्ति पूंजीपतियों व उद्योगपतियों के हाथों गिरवी रखने की ठान ली. लेकिन जब तक बिहार में लालू-नीतीश हैं, आरक्षण समाप्त नहीं होगा. आरक्षण समाप्त करने वालों की ईंट से ईंट बजा देंगे.
हमने गरीबों को समाज में सम्मान दिलाया, हक दिलाया. उन्हें आवाज दी. भाजपा इसे जंगलराज बता रही है. राजद सुप्रीमो ने कहा, लोकसभा चुनाव से पूर्व नरेंद्र मोदी कहते थे वे 125 करोड़ लोगों का सेवक बनकर सेवा करेंगे. देश का चौकीदार बन कर लोगों की रक्षा करेंगे. लेकिन, आज नरेंद्र मोदी को विदेश घूमने से फुरसत नहीं है. अब वे पूंजीपतियों के चौकीदार बने हुए हैं. मोदी राजधर्म निभाने में फेल हो चुके हैं. देश में भय व आतंक के माहौल पर 35 से अधिक विद्वान अपना सम्मान लौटा चुके हैं और पीएम यहां सीएम का चुनाव लड़ रहे हैं. सब केंद्रीय मंत्री यहां माहौल बना रहे हैं.