अोके…श्री राम के चरित्र को अपनायें : संगीता फोटो- नेट से पांकी(पलामू). मर्यादा पुरुषोत्तम राम का चरित्र अनुकरणीय है. उन्होंने पिता का वचन पूरा करने के लिए पलभर में राज सिहांसन त्याग दिया था. लेकिन वर्तमान में लोग अपने निजी स्वार्थ में इतना लीन हो गये हैं कि श्री राम को भी याद नहीं कर पा रहे हैं. लेकिन इंसान को मुक्ति व शांति उन्हें के स्मरण से मिल सकती है. उक्त बातें अयोध्या से पधारी मानस कोकिला साध्वी संगीता बहन ने पांकी के श्रीराम जानकी मंदिर में चल रही श्री राम चरित मानस नवाह्न परायण यज्ञ में प्रवचन के दौरान कही. मानस कोकिला सुश्री संगीता बहन ने कहा कि रामकथा का श्रवण करना बहुत जरूरी है, लेकिन उससे भी कहीं ज्यादा जरूरी यह है कि रामकथा को अपने जीवन में उतारा जाये. उन्होंने रामायण का उल्लेख करते हुए कहा कि माता सीता की रक्षा के लिए जटायू नामक पक्षी रावण जैसे शक्तिशाली राजा से टकरा गया था. लेकिन आज नारी का अपमान होता रहता है और लोग मूकदर्शक बने रहते है. सुश्री कोकिला ने कहा कि श्री राम ने रावण से इसलिए युद्ध नहीं किया कि उसने सीता का हरण किया था, बल्कि इसलिए युद्ध किया था कि यह संपूर्ण नारी जगत का अपमान था. इसलिए हम सभी को रामकथा से सीख लेने की जरूरत है. इस मानस पाठ को सुनने के लिए क्षेत्र के तमाम जगहों से श्रद्धालुओं की भीड़ लगातार उमड़ रही है.
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ओके…श्री राम के चरत्रि को अपनायें : संगीता
अोके…श्री राम के चरित्र को अपनायें : संगीता फोटो- नेट से पांकी(पलामू). मर्यादा पुरुषोत्तम राम का चरित्र अनुकरणीय है. उन्होंने पिता का वचन पूरा करने के लिए पलभर में राज सिहांसन त्याग दिया था. लेकिन वर्तमान में लोग अपने निजी स्वार्थ में इतना लीन हो गये हैं कि श्री राम को भी याद नहीं कर […]
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