यही कारण है कि राजा से लेकर रंक तक व शारीरिक सक्षम से लेकर विकलांग तक हर कोई मां के दरबार में अपनी हाजिरी लगा कर अपनी आस्था का परिचय देता है. नवरात्र की सप्तमी तिथि सोमवर को मंदिर में आस्था के आगे विकलांगता कमजोर पड़ती दिखी.
पटना जिले के गौरीचक थाना क्षेत्र के पटनपुरा दूबे टोला निवासी जितेंद्र दूबे के सबसे बड़े पुत्र दीपक दूबे ने अपने छोटे भाई अभिषेक दूबे के सहयोग से मां अंबिका के दर्शन कर पारिवारिक खुशहाली व मुल्क में सांप्रदायिक सौहार्द बनाये रखने की मुरादें मांगीं. बचपन से विकलांगता के शिकार दीपक ने बताया कि वह स्नातकोत्तर की पढ़ाई पूरी कर प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं एवं मां अंबिका में उनकी गहरी आस्था है. दोनों हाथों व दोनों पैरों से विकलांग 27 वर्षीय यह युवक मुश्किल से खड़ा हो पा रहा था, मगर अपने अनुज के सहयोग से उसने माता के दर्शन किये.