अहमदाबाद : सूरत में पटेल आरक्षण आंदोलन के नेता हार्दिक पटेल के खिलाफ राजद्रोह का मामला दर्ज किया गया है. इस संबंध में जानकारी सूरत आयुक्त राकेश अस्थाना ने आज दी है. बताया जा रहा है कि रविवार दोपहर राजकोट के मधापर में जब पुलिस ने हार्दिक को रोका तो, उस दौरान मीडिया से बातचीत करने के लिए वह कार पर चढने का प्रयास कर रहे थे और इसी दौरान उनका पैर तिरंगे से लगा.
पटेल आरक्षण आंदोलन के नेता हार्दिक पटेल की ओर से अपने समुदाय के युवकों को आत्महत्या करने के बजाय पुलिसकर्मियों को मारने के लिए कथित तौर पर उकसाने को लेकर आज उनके खिलाफ गुजरात पुलिस ने देशद्रोह के आरोप के तहत मामला दर्ज किया. पुलिस उपायुक्त मर्लांड चौहान ने बताया, ‘‘हमने बीते तीन अक्तूबर को यहां हार्दिक पटेल की ओर से अपने साथियों से पुलिसकर्मियों की हत्या के लिए कहे जाने को लेकर उनके खिलाफ देशद्रोह का मामला दर्ज किया है.” चौहान इस मामले में शिकायतकर्ता बने हैं. सूरत के अमरोली थाने में हार्दिक के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 124 (ए) के तहत मामला दर्ज किया गया है.
अपने विवादित बयान में 22 साल के हार्दिक ने पटेल समुदाय के एक युवक को कथित तौर पर सलाह दी थी कि वह आत्महत्या करने की बजाय पुलिसकर्मियों की हत्या करे. हार्दिक ने विपुल देसाई नामक युवक से कथित तौर पर कहा, ‘‘अगर तुम्हारे पास इतना साहस है तो जाओ और कुछ पुलिसकर्मियों की हत्या करो। पटेल कभी आत्महत्या नहीं करते.” विपुल देसाई ने ऐलान किया था कि वह पटेल आरक्षण आंदोलन के समर्थन में खुदकुशी करेगा. हार्दिक के विवादित बयान के करीब 15 दिनों के बाद पुलिस ने शिकायत दर्ज की है.