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इमरजेंसी वार्ड में नहीं थे चिकत्सिक, रोगी रहे परेशान

इमरजेंसी वार्ड में नहीं थे चिकित्सक, रोगी रहे परेशान जांच रिपोर्ट लेकर घूमते रह गये रोगी के परिजन फोटो संख्या : 20फोटो कैप्सन : इमरजेंसी वार्ड में दर्द से कराहते रोगी प्रतिनिधि, मुंगेरसदर अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में शनिवार की शाम 4 बजे से 6 बजे तक चिकित्सक के मौजूद नहीं रहने के कारण रोगियों […]

इमरजेंसी वार्ड में नहीं थे चिकित्सक, रोगी रहे परेशान जांच रिपोर्ट लेकर घूमते रह गये रोगी के परिजन फोटो संख्या : 20फोटो कैप्सन : इमरजेंसी वार्ड में दर्द से कराहते रोगी प्रतिनिधि, मुंगेरसदर अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में शनिवार की शाम 4 बजे से 6 बजे तक चिकित्सक के मौजूद नहीं रहने के कारण रोगियों को काफी परेशानी झेलनी पड़ी. हाल यह था कि रोगी के परिजन हाथों में जांच का रिपोर्ट लेकर घूमते रह गये. किंतु उन्हें चिकित्सक की झलक तक नहीं मिली. इस दौरान अस्पताल के एक भी जिम्मेदार पदाधिकारी इमरजेंसी वार्ड को झांकने तक नहीं पहुंचे और न ही कोई वैकल्पिक व्यवस्था ही उपलब्ध करायी गयी.रिपोर्ट दिखाने के लिए परेशान रहे रोगी शहर के बेलन बाजार निवासी पिंटू कुमार ने बताया कि वह अपनी मां मीणा देवी को इलाज के लिए सदर अस्पताल में शनिवार को भरती कराया. इमरजेंसी ड्यूटी में तैनात डॉ पीएम सहाय ने उन्हें दो तरह का जांच लिखा एवं शीघ्र ही रिपोर्ट दिखाने को कहा. जिससे जरूरी दवाएं चलायी जा सके. जांच रिपोर्ट लेकर जैसे ही वह 4:15 बजे इमरजेंसी वार्ड पहुंचे तो उन्हें एक मेडिकल स्टाफ ने बताया कि डॉक्टर साहब नहीं हैं. जब वह जीओपीडी में मौजूद चिकित्सक को रिपोर्ट दिखाने गया तो मौजूद चिकित्सक ने कहा कि जो डॉक्टर साहब जांच लिखें हैं, उन्हें ही दिखायें. कहते हैं अस्पताल उपाधीक्षकअस्पताल उपाधीक्षक डॉ राकेश कुमार सिन्हा ने बताया कि इमरजेंसी ड्यूटी में दोपहर 2 बजे से रात 9 बजे तक डॉ पीएम सहाय की ड्यूटी है. यदि वे ड्यूटी पर मौजूद नहीं हैं तो उनसे स्पष्टीकरण पूछा जायेगा. ————————-बॉक्स————————-8 से 12 बजे तक ही मिलेगी एंटी रैबीज की सूईमुंगेर : सदर प्रखंड के बेनीगीर गांव में शनिवार को मो. असलम उद्दीन के पुत्र मो. अरमान को कुत्ता ने काट लिया. जिसके कारण वह गंभीर रूप से घायल हो गया. उसे इलाज के लिए सदर अस्पताल लाया गया. संध्याकालीन ओपीडी में तैनात चिकित्सकों ने उनके पुरजे पर एंटी रैबीज व टिटभेक की सूई लिख दी. किंतु उसे न एंटी रैबीज की सूई दी गयी और न ही टिटभेक की. पूछने पर कंपाउंडर ने बताया कि एंटी रैबीज की सूई सुबह आ कर बच्चे को दिला दीजियेगा और टिटभेक की सूई बाहर से लेकर आइये अभी दे दूंगा. इस संबंध में जब अस्पताल उपाधीक्षक डॉ राकेश कुमार सिन्हा से बात की गयी तो उन्होंने बताया कि एंटी रैबीज की सूई सुबह 8 बजे से 12 बजे दिन तक ही दिया जाता है. उसे फ्रीज में रखना पड़ता है. बार-बार फ्रीज को खेलने से सूई के खराब होने का डर रहता है.

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