12.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

हड्डियों का इलाज गर्भ में भी संभव

बच्चों में कुछ बीमारियां उनके गर्भ में होने के समय ही हो जाती है. कई मामलों में यह बात सामने आई है कि इसके पीछे माँ के स्वास्थ्य का दुर्बल होना या गर्भ के समय माँ के द्वारा लिए गए आहार की वजह से भी यह बीमारियां बच्चों को हो जाती हैं. इन बिमारियों में […]

बच्चों में कुछ बीमारियां उनके गर्भ में होने के समय ही हो जाती है. कई मामलों में यह बात सामने आई है कि इसके पीछे माँ के स्वास्थ्य का दुर्बल होना या गर्भ के समय माँ के द्वारा लिए गए आहार की वजह से भी यह बीमारियां बच्चों को हो जाती हैं. इन बिमारियों में डायबिटीज, मैल्नूट्रिशन, हाइपोथर्मिया आदि शामिल हैं.

इन बिमारियों में कुछ जटिल बीमारियां भी होती हैं जिनका इलाज समय के साथ-साथ मुश्किल होता जाता है. पिछले कई अध्ययनों में इस बात की संभावना जताई गई है कि गर्भ में पल रहे बच्चे की बिमारियों का पता यदि पहले लगाया जा सके तो उसका निश्चित ही गर्भ के दौरान इलाज किया जा सकेगा. हालिया हुए एक शोध में इस संभावना को हकीकत का अमलीजामा भी पहना दिया गया.

बच्चों में जो बीमारियां गर्भधारण के समय से होती हैं, उनका इलाज अब संभव हो गया है. हड्डीयों से संबंधित एक ऐसी ही बीमारी के इलाज की दिशा में विशेषज्ञों ने कदम उठाएं है. ब्रिटेन में स्टेम सेल चिकित्सा परीक्षण द्वारा गर्भ में ही इलाज की मंजूरी मिल गई है. इसे जल्द ही जनवरी से शुरू किया जाएगा.

हर 25,000 बच्चों में एक बच्चे को ओस्टियोजेनेसिस इंपर्फेक्टा नामक हड्डियों से जुड़ी बीमारी होती है. जिसमें दांत टेढे-मेढ़े होना, सुनने में परेशानी, पर्याप्त विकास न हो पाना शामिल हैं. यह बीमारी भ्रूण में पल रहे बच्चे के डीएनए में किसी खामी से होती है.

ऐसे बच्चों में किसी जेनेटिक कारण से हड्डियों के आकार और विकास को नियंत्रित करने वाला कोलाजेन कमजोर होता है या अनुपस्थित पाया जाता है. ब्रिटेन ले स्टेम सेल चिकित्सा परिक्षण द्वारा अब इसका इलाज संभव होगा.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें