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शासन तंत्र में व्यक्तिवाद हावी

बेरोजगारों को रोजगार दिलाने पर कार्यशाला का आयोजन रांची : ग्रामीण विकास विभाग के प्रधान सचिव एनएन सिन्हा ने कहा है कि शासन तंत्र में व्यक्तिवाद हावी हो गया है. हमलोगों ने मनरेगा को लेकर अपने स्तर से कई अफसरों पर कार्रवाई की, फिर भी मनरेगा की स्थिति नहीं सुधर रही है. यही वजह कि […]

बेरोजगारों को रोजगार दिलाने पर कार्यशाला का आयोजन
रांची : ग्रामीण विकास विभाग के प्रधान सचिव एनएन सिन्हा ने कहा है कि शासन तंत्र में व्यक्तिवाद हावी हो गया है. हमलोगों ने मनरेगा को लेकर अपने स्तर से कई अफसरों पर कार्रवाई की, फिर भी मनरेगा की स्थिति नहीं सुधर रही है.
यही वजह कि मुख्य सचिव के माध्यम से संबंधित अफसरों को दिशा-निर्देश दिया गया है. श्री सिन्हा ने कहा कि फिलहाल राज्य का सिस्टम ठीक करने में समय लग रहा है. श्री सिन्हा मंगलवार को होटल कैपिटल हिल में पैक्स की अोर से आयोजित कार्यशाला को संबोधित कर रहे थे.
बेरोजगारों को रोजगार दिलाने के विषय पर आयोजित कार्यशाला को संबोधित करते हुए श्री सिन्हा ने कहा कि मनरेगा के तहत ऐसी योजनाअों का चयन हो, जिससे कि लोगों को रोजगार मिल सके.
इसके साथ ही उस योजना से उत्पादकता भी बढ़ायी जा सके. मनरेगा की योजनाअों का सोशल अॉडिट गैर सरकारी संस्थाअों से हो, ताकि गड़बड़ियों को रोका जा सके. उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि सरकार की तरफ से रिसोर्स टीम तैयार की जा रही है. इसमें जन सारोकार से जुड़ी गैर सरकारी संस्थाअों को भी शामिल किया जायेगा.
मौके पर संस्था आजीविका अधिकार मंच की भी लांचिंग की गयी. यह सिविल सोसाइटी का साझा मंच होगा. मौके पर मनरेगा आयुक्त पारितोष उपाध्याय ने कहा कि मनरेगा को लेकर जागरूकता बढ़ाने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि योजनाअों का चयन ग्राम सभा के माध्यम से हो. मनरेगा के माध्यम से ऐसी योजाअों का चयन हो, जो प्राकृतिक संसाधनों को बचाने से संबंधित हो.
मनरेगा स्टेट काउंसिल के सदस्य बलराम ने कहा कि योजनाअों में जो खामियां हैं, उसे दूर किया जाये. उन्होंने कहा कि खामियां दूर नहीं होने से योजनाअों के प्रति लोगों का विश्वास कम हो रहा है.
पैक्स के स्टेट मैनेजर जॉनसन टोपनो ने विषय प्रवेश कराया. साथ ही पैक्स के बारे में अपनी बातें रखी. कार्यशाला में उतर प्रदेश से आये सहभागी प्रशिक्षण केंद्र के निदेशक आलोक सिंह ने मनरेगा को लेकर अपने अनुभव बांटे. जोनल प्रोग्राम मैनेजर राजपाल ने भी अपनी बातें रखी.
रांची : सरकार ने राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारी कार्तिक प्रभात की अपील अभ्यावेदन को अस्वीकृत कर दिया है. कार्मिक विभाग ने समीक्षा के बाद यह पाया कि आरोपी पदाधिकारी ने मेनन एक्का के पक्ष में आदिवासी जमीन की बिक्री के लिए रेसिडेंट का गलत उल्लेख किया था.
यह भी पाया कि उनके द्वारा खरीदार के पक्ष में आदिवासी भूमि के लिए दी गयी अनुमति सीएनटी एक्ट के प्रावधान के प्रतिकूल है. यह देखने के बाद ही विभाग ने लिखा कि ऐसे में श्री प्रभात का अभ्यावेदन स्वीकृत नहीं किया जा सकता है.
जानकारी के मुताबिक, जब श्री प्रभात रांची में भूमि सुधार उप समाहर्ता थे, तो उन्होंने पूर्व मंत्री एनोस एक्का की पत्नी मेनन एक्का के नाम अोरमांझी में जमीन खरीदने की अनुमति दी थी. इस मामले में उन्हें दोषी मानते हुए सरकार ने निलंबित कर दिया था. साथ ही विभागीय कार्यवाही के बाद तीन वेतन वृद्धि संचयात्मक प्रभाव से रोकने, तीन वर्षों तक प्रोन्नति बाधित रखने का दंड दिया था. इसी फैसले के विरुद्ध श्री प्रभात ने अपील की थी.

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