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पलायन कर गया बंदे का परिवार

पलायन कर गया बंदे का परिवारराज्य में सुखाड़-2लोहरदगा के किस्को प्रखंड का हाल प्रतिनिधि, लोहरदगामौसम की मार के चलते किस्को प्रखंड के गोसाई टोला निवासी 60 साल के बंदे उरांव का परिवार पलायन कर गया. काम की तलाश में यह परिवार हाजीपुर ईंट भट्टा में चला गया. बंदे ने तीन एकड़ में धान की फसल […]

पलायन कर गया बंदे का परिवारराज्य में सुखाड़-2लोहरदगा के किस्को प्रखंड का हाल प्रतिनिधि, लोहरदगामौसम की मार के चलते किस्को प्रखंड के गोसाई टोला निवासी 60 साल के बंदे उरांव का परिवार पलायन कर गया. काम की तलाश में यह परिवार हाजीपुर ईंट भट्टा में चला गया. बंदे ने तीन एकड़ में धान की फसल लगायी थी, जो पानी के अभाव में बरबाद हो गयी है. इस क्षेत्र के अन्य किसान भी फसल बरबाद होने से परेशान हैं और पलायन की तैयारी कर रहे हैं. बंदे के परिवार में कुल छह सदस्य हैं. बंदे को छोड़ परिवार के सभी सदस्य एक सप्ताह पहले ही हाजीपुर चले गये. बंदे उरांव का कहना है कि इस बार मौसम ने धोखा दिया. बारिश नहीं होने के कारण धान की खेती बरबाद हो गयी. तीन एकड़ भूमि में धान की खेती की थी, लेकिन किसी भी खेत में धान नहीं हुआ. पौधे बड़े होने के बजाये पीले होकर सूख गये. पत्नी लिलमनी, बेटा एतवा उरांव, बहु मुनी उरांव, पोता ललित उरांव एवं मंटू उरांव ने देखा कि अब धान नहीं होगा, तो काम की तलाश में घर छोड़ दिये. बंदे का कहना है कि कर्ज लेकर धान की खेती की थी, लेकिन प्रकृति ने ऐसा मारा कि सब कुछ बरबाद हो गया. अब रोजी-रोटी के लाले पड़ गये हैं. जिले में बारिश नहीं होने के कारण अकाल की स्थिति उत्पन्न हो गयी है. धान के खेतों में दरार पड़ गयी है. जिस वक्त धान की रोपनी हो रही थी, उस समय अच्छी बारिश हुई. लोगों को खुशी थी कि वर्षों बाद अच्छा मानसून आया है, लेकिन वक्त गुजरने के साथ मानसून ने धोखा दिया. धान रोपनी के बाद जो बारिश बंद हुई , वो आज तक बंद है. फसल मुरझा गयी. कृषि वैज्ञानिकों का भी कहना है कि अब बारिश की संभावना नहीं है और यदि बारिश होगी भी तो धान की खेती को लाभ नहीं होगा.

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