एक चुनाव और लड़ेगी 96 वर्षीया स्वतंत्रता सेनानी चुनाव मैदान: लीक से हट कर
पूर्णिया : हौसला अगर बुलंद हो और कुछ करने का जज्बा हो तो उम्र कोई मायने नहीं रखती है. जिले के बनमनखी प्रखंड की हरपट्टी गांव निवासी 96 वर्षीया सुमित्रा देवी एक बार फिर उम्र के अंतिम पड़ाव पर चुनावी मैदान में किस्मत आजमायेगी.
सोमवार को सुमित्रा देवी ने प्रेस वार्ता आयोजित कर उक्त घोषणा की. चुनाव लड़ने की इच्छा के बाबत पूछे जाने पर वे कहती हैं ‘ वह खुद स्वतंत्रता सेनानी रही हैं. देश और सूबे के हालात ऐसे हैं कि दुख होता है.
इस बदहाल व्यवस्था में बदलाव लाना ही उनके चुनाव लड़ने का लक्ष्य है. गौरतलब है कि वर्ष 1952 में वे खगडि़या जिला के गोगरी विधानसभा से कांग्रेस पार्टी से चुनाव लड़ी और जीत कर विधायक भी बनी. अब जीवन के अंतिम पड़ाव में वह एक और फिर चुनावी मैदान में जोड़ आजमाइश करना चाहती है.
खास बात यह है कि वे बगैर चश्मा के पढ़-लिख सकती हैं और अपना सारा काम खुद करती है. चुनाव प्रचार के बाबत वे कहती हैं ‘ जितना कोई भी प्रत्याशी भागदौड़ कर सकता है, वह भी भागदौड़ में सक्षम है ‘.
इस संबंध में पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष सह अधिवक्ता अनिल भारती ने बताया कि इस बार स्वतंत्रता सेनानी वृद्ध महिला अंगरेजों से नहीं बिहार में व्याप्त भ्रष्टाचार की लड़ाई लड़ने आयी है.
पार्टी का मकसद हर हाथ काम, हर व्यक्ति को शिक्षा, सभी को रोजगार मुहैया कराना है. इसके अलावा जात-पात एवं अमीर-गरीब की खाई को पाटना है. श्री भारती ने बताया कि पार्टी बिहार के चुनाव में 100 से अधिक उम्मीदवार खड़ा कर रही है.
पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री भारती ने बताया कि 96 वर्षीय सुमित्रा देवी का नमा गिनिज बुक ऑफ वर्ड रिकॉर्ड में दर्ज किया जा सकता है. क्योंकि इस उम्र की महिला ने अब तक चुनाव नहीं लड़ा है. फोटो:- 12 पूर्णिया 25परिचय:- प्रत्याशी सुमित्रा देवी की तसवीर.