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डेंगू के डंक से पूर्णिया में मचा कोहराम

डेंगू के डंक से पूर्णिया में मचा कोहराम केस स्टडी-एकबी.कोठी प्रखंड के रघुवंश नगर से आये डेंगू पीडि़त मरीज विशुन देव मंडल के पुत्र संतोष कुमार ने बताया कि वह दिल्ली में रह कर कारपेट फैक्टरी में काम कर रहा था. बुखार होने की शिकायत पर वह वहां के डॉक्टरों को दिखाया.जहां उसे डेंगू पॉजिटीव […]

डेंगू के डंक से पूर्णिया में मचा कोहराम केस स्टडी-एकबी.कोठी प्रखंड के रघुवंश नगर से आये डेंगू पीडि़त मरीज विशुन देव मंडल के पुत्र संतोष कुमार ने बताया कि वह दिल्ली में रह कर कारपेट फैक्टरी में काम कर रहा था.

बुखार होने की शिकायत पर वह वहां के डॉक्टरों को दिखाया.जहां उसे डेंगू पॉजिटीव बताया गया.

वह दिल्ली से घर लौट आया.सदर अस्पताल के जांच में भी डेंगू पॉजिटिव होने की पुष्टि हो चुकी है.उसका इलाज सदर अस्पताल में चल रहा है.

केस स्टडी-दोअररिया जिले के फारविसगंज से भी एक डेंगू प्रभावित मरीज सदर अस्पताल में भरती हुआ था.मरीज कलानंद मंडल के पुत्र प्रकाश मंडल है.उस मरीज में डेंगू को लेकर इस प्रकार भय व्याप्त था कि वह अस्पताल से भाग कर निजी क्लिनिक चला गया.वह भी दिल्ली में रह कर काम कर रहा था.

पूर्णिया : जिले में दिन-ब-दिन डेंगू की स्थिति विकराल होती जा रही है. पूर्णिया में डेंगू प्रभावित मरीजों की संख्या अब तक लगभग दो दर्जन के आस-पास पहुंच गयी है.डेंगू के डंक से एक की मौत हो चुकी है.

अब तो त्योहारों का मौसम आ गया है. परदेश से आने वाले डेंगू मरीजों की संख्या और भी बढ़ने की संभावना जतायी जा रही है.डेंगू की भयावहता के मद्देनजर सदर अस्पताल में व्यवस्था नहीं के बराबर है. मरीजों की संख्या हुई दो दर्जनअगस्त से सितंबर माह में डेंगू प्रभावित मरीजों की संख्या लगभग 13 के आसपास थी.

जबकि धमदाहा अनुमंडल में आठ लोग डेंगू से प्रभावित पाये गये. जिससे मरीजों की संख्या बढ़ कर 21हो गयी.सोम वार को दो और मरीज मिलने के बाद से यह संख्या 23 हो गयी है.जबकि भवानीपुर निवासी जन अधिकार पार्टी के नेता किशोर कुमार की मौत शनिवार हो गयी. यह आंकड़े सरकारी अस्पतालों के हैं.निजी अस्पतालों में भरती मरीजों की संख्या को जोड़ दिया जाये तो डेंगू के एक विस्फोटक आंकड़े प्राप्त होंगे.

मरीजों की संख्या बढ़ने की संभावनाइस समय चुनाव एवं त्योहारों का मौसम चल रहा है.लोग परदेश से वोट देने एवं दुर्गा पुजा,मोहर्रम,छठ पर्व को लेकर घर लौटेंगे.जिससे शहर में एकाएक डेंगू मरीजों की संख्या बढ़ने की संभावना है.जिससे जिले की स्थिति एक बार फिर बिगड़ने की संभावना है.

स्वास्थ्य विभाग की ओर से डेंगू के लिए संक्रमण वार्ड में मात्र एक कमरा में वार्ड बनाया गया है.जिसमें चार बेड की व्यवस्था की गयी है. डेंगू की गंभीरता को देखते हुए यह प्रबंध नाकाफी है. प्लेटलेट की नहीं है व्यवस्थाडेंगू प्रभावित मरीजों को प्लेटलेट की संख्या घटने पर प्लेटलेट देने की आवश्यकता होती है.

किंतु हैरानी की बात यह है कि स्वास्थ्य नगरी के दो बड़े रक्त अधिकोषों में ब्लड सेपरेटर नहीं लगने के कारण मरीजों को प्लेटलेट के लिए पटना या दिल्ली रेफर करना पड़ रहा है.जबकि स्थानीय रेडक्रॉस सोसाइटी में ब्लड सेपरेटर लगाने की योजना कई वर्षों से लंबित पड़ी हुई है.रेड क्रॉस के इस ढुल मुल रवैये से डेंगू मरीजों की जान सांसत में है.

इस मामले में स्वास्थ्य विभाग भी बहाने बाजी करने से गुरेज नहीं कर रहा है. इलाज के नाम पर होती है खानापूर्ति आश्चर्यजनक किंतु यह सच है कि डेंगू वार्ड में डॉक्टर नर्स के ड्यूटी रुम में बैठ कर दवा लिखने के बाद हाल-चाल भी पुछने नहीं जाते हैं.कई मरीजों एवं उसके परिजन भी इस बात की शिकायत की.वहां तैनात स्वास्थ्य कर्मी भी दबे जुबान से डॉक्टर के मौजूद नहीं होने की बात बताते हैं.

बताया जाता है कि इस वार्ड में एक फिजिशियन नियमित रुप से बैठना चाहिए.ताकि मरीजों के पहुंचने पर तुरंत जांच एवं इलाज की व्यवस्था होना चाहिए.किंतु ऐसा नहीं होता है.

इस प्रकार की अव्यवस्था देख कर मरीज अस्पताल छोड़ कर भागने को विवश हैं.इस संबंध में डॉ एमएम वसीम,सिविल सर्जन ने बताया कि डेंगू वार्ड सुचारु रुप से काम कर रहा है. वहां समय-समय पर डॉक्टर भी पहुंचते हैं.जहां तक प्लेटलेट की समस्या है,उसकी व्यवस्था सदर अस्पताल में नहीं है.फोटो-12पूर्णिया 3एवं 4परिचय 3-डेंगू के मच्छरपरिचय 4-सिविल सर्जन

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