नयी दिल्ली : उत्पाद शुल्क में लगभग 70 प्रतिशत के जोरदार उछाल के साथ अप्रत्यक्ष कर संग्रह चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में पिछले साल की इसी अवधि के मुकाबले 35.8 प्रतिशत बढकर 3.24 लाख करोड रुपये पर पहुंच गया. इससे आर्थिक गतिविधियों में वृद्धि की झलक मिलती है. एक साल पहले इसी अवधि में अप्रत्यक्ष कर संग्रह 2.38 लाख करोड रुपये रहा था. चालू वित्त वर्ष की अप्रैल से सितंबर अवधि में कर संग्रह वृद्धि पूरे वित्त वर्ष के लक्ष्य को पाने के लिये जरुरी 18.8 प्रतिशत वृद्धि के मुकाबले दोगुनी रही है.
वित्त मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा अप्रत्यक्ष कर संग्रह की वृद्धि में सबसे ज्यादा योगदान उत्पाद शुल्क प्राप्ति का रहा है. उत्पाद शुल्क प्राप्ति इस दौरान 69.6 प्रतिशत बढी है. अप्रैल से सितंबर 2015-16 के दौरान उत्पाद शुल्क वसूली 1.25 लाख करोड रुपये रही है. एक साल पहले इसी अवधि में यह 74,019 करोड रुपये रही थी. छह महीने की इस अवधि में सीमा शुल्क प्राप्ति 17.5 प्रतिशत बढकर 1.03 लाख करोड रुपये तक पहुंच गई जबकि सेवा कर की वसूली 24.3 प्रतिशत बढकर 95,493 करोड रुपये रही.
अप्रत्यक्ष कर संग्रह में हुई इस वृद्धि में पेट्रोल, डीजल पर उत्पाद शुल्क में की गई वृद्धि, मोटर वाहनों के मामले में दी गयी कर छूट वापस लेने, स्वच्छ ऊर्जा उपकर बढाने और जून से सेवाकर में हुई वृद्धि का मुख्य योगदान रहा है. सरकार ने चालू वित्त वर्ष के दौरान अप्रत्यक्ष करों से कुल 6.47 लाख करोड रुपये जुटाने का बजट अनुमान लगाया है जो कि पिछले साल की मुकाबले 18.8 प्रतिशत वृद्धि को दर्शाता है.
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