नयी दिल्ली : ईराक में आईएसआईएस के साथ काम करने वाला उत्तरप्रदेश के आजमगढ़ का एक युवक घर लौटना चाहता है और इसके लिए उसने अपने परिवार से संपर्क किया है. युवक तुर्की के रास्ते आईएसआईएस वाले इलाके में करीब छह महीना पहले गया था. वह पश्चिम एशिया के आतंकवादी समूह के लिए लड़ने की खातिर ऑनलाइन आकर्षित हुआ था.
बहरहाल मामले से अवगत अधिकारियों ने कहा कि आईएसआईएस की गतिविधियों से वह जल्द ही निराश हो गया और घर लौटना चाहता है. आईएसआईएस के इलाकों में पश्चिमी देशों द्वारा हाल में शुरु की गई बमबारी के बाद निराश युवक ने अपने परिवार से संपर्क किया और उनसे कहा कि उसकी जल्द वापसी सुनिश्चित करें.
परिवार ने सहायता के लिए सुरक्षा एजेंसियों से संपर्क किया और एजेंसियां युवक से संपर्क करने का प्रयास कर रही हैं जो सीरिया की सीमा के नजदीक इराक में आईएसआईएस वाले इलाके में है. संयुक्त अरब अमीरात में भारतीय मूल के एक व्यक्ति ने युवक को इराक तक की यात्रा करने में सहयोग किया जिसकी ऑनलाइन गतिविधियों पर भारत और यूएई की सुरक्षा एजेंसियां नजर रख रही हैं.
अधिकारी ने कहा कि युवक बारहवीं पास है और आईएसआईएस में शामिल होने से पहले वह छोटा व्यवसाय करता था. समझा जाता है कि उत्तरप्रदेश का वह पहला व्यक्ति था जो भारत में बिना किसी आतंकवादी संगठन के संपर्क के बगैर सीधे आईएसआईएस में शामिल हुआ और उसकी आपराधिक पृष्ठभूमि भी नहीं थी.
वह उन 20 भारतीयों में शामिल है जो इराक…सीरिया में आईएसआईएस के लिए लड़ रहे हैं. इनमें दो युवक मुंबई के कल्याण, ऑस्ट्रेलिया में रह रहा एक कश्मीरी, एक युवक तेलंगाना का, एक कर्नाटक का, एक ओमान में रह रहा भारतीय और एक सिंगापुर में रह रहा भारतीय है. पिछले वर्ष कल्याण का एक युवक छह महीने आईएसआईएस के साथ रहने के बाद घर लौट आया था.
आईएसआईएस के लिए लड़ने वाले और मारे जाने वाले छह भारतीयों में तीन इंडियन मुजाहिद्दीन के आतंकवादी थे जिसमें सुल्तान अजमेर शाह और बड़ा साजिद शामिल है जो पाकिस्तान में होने के कारण आतंकवादी समूह में शामिल हुआ. दो महाराष्ट्र के और एक तेलंगाना का था.
यूएई ने 15 सितम्बर को चार भारतीय नागरिकों को आईएसआईएस से संबंध के संदेह में प्रत्यर्पित कर दिया था और जल्द ही चार और भारतीयों को वापस भेजे जाने की उम्मीद है. करीब एक पखवाडे पहले यूएई ने 37 वर्षीय महिला आफशां जाबिन उर्फ निकी जोसफ को वापस लौटा दिया था जो आईएसआईएस के लिए युवकों को भर्ती करने में कथित तौर पर सम्मिलित थी.
इससे पहले जनवरी में हैदराबाद के सलमान मोहिउद्दीन को हवाई अड्डे पर उस वक्त गिरफ्तार किया गया जब वह तुर्की के रास्ते सीरिया जाने के लिए दुबई जाने वाले विमान पर सवार होने की तैयारी कर रहा था.