7.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

जनप्रतिनिधि बदलते रहे, नहीं बदला क्षेत्र का चेहरा

जनप्रतिनिधि बदलते रहे, नहीं बदला क्षेत्र का चेहरा 23 वर्षों से गोदाम में चल रहा है अनुमंडल कार्यालय व न्यायालय22 सितंबर 1992 को मिला था अनुमंडल का दर्जा क्षेत्र में लगा है समस्याओं का अंबारनिरंजन कुमार / सिमरी बख्तियारपुर विधानसभा क्षेत्र में चुनाव दर चुनाव होता रहा, जनप्रतिनिधि बदलते रहे, लेकिन क्षेत्र का चेहरा नहीं […]

जनप्रतिनिधि बदलते रहे, नहीं बदला क्षेत्र का चेहरा 23 वर्षों से गोदाम में चल रहा है अनुमंडल कार्यालय व न्यायालय22 सितंबर 1992 को मिला था अनुमंडल का दर्जा क्षेत्र में लगा है समस्याओं का अंबारनिरंजन कुमार / सिमरी बख्तियारपुर विधानसभा क्षेत्र में चुनाव दर चुनाव होता रहा, जनप्रतिनिधि बदलते रहे, लेकिन क्षेत्र का चेहरा नहीं बदला. विधानसभा क्षेत्र के सिमरी बख्तियारपुर व सलखुआ में प्रशासनिक अनियमितता चरम पर है. वहीं क्षेत्र में समस्याओं का अंबार लगा है. सिमरी बख्तियारपुर को 22 सितम्बर 1992 को अनुमंडल का दर्जा मिला. तत्कालीन मुख्यमंत्री लालू यादव ने उद्घाटन भाषण में कहा था कि अनुमंडल से संबंधित सभी कार्यालय जल्द ही खोले जायेंगे. लेकिन 23 वर्ष बीतने को है. अनुमंडल कार्यालय बनना तो दूर जमीन अधिग्रहण का कार्य भी पूरा नहीं हो पाया है. जिस कारण अनुमंडल कार्यालय व न्यायालय गोदाम में चल रहा है. क्षेत्र में जल जमाव प्रमुख समस्या है. इस कारण सालों भर हजारों एकड़ जमीन पानी में डुबी रहती है. अब तक जल निकासी के लिए सार्थक प्रयास नहीं किया गया है. क्षेत्र में बेरोजगारी की समस्या मुंह बाए खड़ी है. क्षेत्र के हजारों लोग दिल्ली, पंजाब, गुजरात, बंगाल, असम सहित देश के कई हिस्सों में रोजगार के लिए हर वर्ष पलायन करते हैं. 5 करोड़ की लागत से 100 शैय्या वाला भव्य अनुमंडल अस्पताल तो बनाया गया लेकिन अनुमंडल अस्पताल में प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र को ही समाहित कर खानापूर्त्ति कर दी गयी है. डॉक्टर भी नदारद रहते हैं, बेहतर इलाज के लिए आज भी लोगों को सहरसा, बेगुसराय या पटना जाना पड़ता है. पीएससी भवन में व्यवहार न्यायालय अपने उद्घाटन का इंतजार कर रहा है. वहीं निबंधन कार्यालय व नगर पंचायत कार्यालय भी अन्य अंचल भवनों में चलाए जा रहे हैं. विधानसभा क्षेत्र में डिग्री कॉलेज नहीं होने से यहां के छात्रों को जिले व अन्य जिलों में जाना पड़ रहा है. इस विधानसभा क्षेत्र से गुजरने वाले राष्ट्रीय उच्च पथ 107 स्वीकृत होने के बावजूद अधूरा पड़ा है. सिमरी बख्तियारपुर एवं सलखुआ बाजार में नाला नहीं रहने से पानी का जमाव सड़कों पर ही रहता है. अनुमंडल मुख्यालय सहित क्षेत्र के सभी बाजार अतिक्रमणकारियों की चपेट में है. क्षेत्र में शिक्षा एवं विद्यालय की स्थिति भी दयनीय है. विद्यालयों में शिक्षकों की कमी रहने के बावजूद अधिकांश शिक्षक अनुपस्थित रहते हैं. विधानसभा क्षेत्र के 12 पंचायत में तटबंध के अंदर रहने वाले ग्रामीण आज भी मुश्किल भरी जिन्दगी जी रहे हैं. तबियत खराब होने पर खाट ही इनका एम्बुलेंस होता है. नदी पार करने और अस्पताल पहुंचने तक खाट एंबुलेंस पर सवार मरीज रास्ते में ही दम तोड़ देते हैं. फोटो – अनुमंडल 1 – गोदाम में चल रहा अनुमंडल कार्यालयनब्ज टटोलने में लगे हैं नारद जीचौक चौराहों पर बेबाक देते हैं प्रतिक्रिया, लेते हैं वोटरों के मन की थाहसिमरी बख्तियारपुर5 नवंबर को पांचवें चरण में होने वाले सिमरी बख्तियारपुर विधानसभा चुनाव में अभी बिसात ठीक से बिछी भी नहीं है. भाजपा गठबंधन और महागंठबंधन सहित मुकाबले को तिकोने और चकोने बनाने में जुटे प्रत्याशियों ने कमर कस ली है. लेकिन चौक-चौराहों की चकल्लस में जीत हार का समीकरण राजनीतिक क्षेत्र के नारद जी समझे जाने वाले छुटभईए नेता चाय-पान की दुकानों पर समझा रहें हैं. जबकि राजनीति के कई ऐसे दिग्गज चेहरे चुनावी समर में कुदने के लिए अभी जनता की नब्ज टटोलने में लगे हुए हैं. चार-पांच लोगों की भीड़ को देख नारद जी राजनीतिक बहस छेड़ अपनी वाह-वाही लेने से बाज नहीं आते और तो और कुछ ऐसे भी नारदजी हैं जो जनता के बीच हो रही चर्चाओं के पल-पल की जानकारी अपने पंसदीदा प्रत्याशियों तक पहुंचा रहे हैं. ताकि कम से कम कुछ तो खर्चा पानी का जुगाड़ हो जाए. भाजपा गठबंधन व महागठबंधन प्रत्याशियों के अलावा भी कई चेहरे इस बार चुनाव में विधायक बनने की आस के साथ क्षेत्र में कड़ी मेहनत कर रहे हैं और साथ ही इस बार के चुनाव में अपने भाग्य को आजमाने की भी कोशिश में लगे हैं, कोसी के राजनीति दिग्गज कहे जाने वाले महागठबंधन के प्रत्याशी क्षेत्र में भ्रमण कर लोगों की नब्ज को टटोलने में लगे हैं तो भाजपा गठबंधन के तहत लोजपा प्रत्याशी अपनी बिरासत की तीसरी पीढ़ी को सहेजने के रुप में युवा विधायक बनने को लेकर पहली बार चुनावी अखाड़े में हैं. जिला परिषद कर राजनीति कर चुके एक युवा प्रत्याशी पूरे उत्साह के साथ युवा वोटरों के बीच अपनी पैठ बनाने में लगे हैंं. इस चुनाव में नारदी जी की नजर युवा पर ही टिकी है. 27 हजार नए युवा वोटरों में पहली बार वोट देने को लेकर काफी उत्साह है. यह युवा वोटर ही निर्णायक साबित होगे. नारद जी कहते हैं कि जो इस बार इन युवाओं को अपनी ओर मोड़ पायेगा, वही प्रत्याशी इस बार चुनाव जीत कर जीत का सेहरा बांध पायेगा. रुपये ले जाने आने का सेफ जोन तो नहीं बन रही कोसी नदीसिमरी बख्तियारपुरकोसी नदी काले धन को एक जगह से दूसरी जगह सुरक्षित ले जाने का सॉफ्ट टॉरगेट बन गयी है. प्रशासन द्वारा नदी में फिलहाल कोई भी चेंकिग अभियान नहीं चलाये जाने से काले धन ले जाने वाले लोगों के लिए सबसे सुगम रास्ता बन गया है. कोसी का दियारा क्षेत्र काफी लंबा होने के कारण रुपये ले जाने वाले लोग घाटों व अन्य जगहों पर नावों पर सवार होकर बेखौफ रुपये को आसानी से जगह पर पहुंचा रहे हैं. कोसी का दियारा क्षेत्र पूर्व से भी अपराधियों की शरणस्थली रही है और कई जिलों से घिरे होने के कारण आसानी से हथियारों को पहुंचाने को लेकर बदनाम रहा है. कई बार पुलिस की सघन जाँच के बाद इन्हें पकड़ा भी गया है. कोसी नदी में नाव की आवाजाही पर कोई चेंकिग अभियान नहीं चलाए जाने से रुपये की तस्करी आसानी से की जा रही है. समस्तीपुर, खगडि़या, सुपौल, दरभंगा सहित अन्य जिलों से सटे होने के कारण कोसी नदी में आसानी से रुपये सहित आर्म्स को पहुंचाने का कार्य बेरोकटोक हो रहा है. प्रशासन की सारी कवायद प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र के प्रमुख चौक-चौराहे, हाईवे, रेलवे आदि पर होती है. ऐसे में लाखों लाख रुपये पकड़े जाने से बचने के लिए ही कोसी नदी का सहारा लिया जा रहा है. विधानसभा चुनाव में रुपये के दुरुपयोग को लेकर निर्वाचन आयोग के निर्देश पर विशेष चेकिंग अभियान के तहत जगह-जगहों पर वाहनों की चेकिंग की जा रही है. इतनी सख्ती के बावजूद लाखों रुपये चेकिंग अभियान में पकड़े जा रहे हैं. इससे पता चलता है कि विधान सभा चुनाव में किस प्रकार काले धन का उपयोग मतदाताओं को अपनी ओर रिझाने में किया जा रहा है. विधानसभा चुनाव में चुनाव आयोग ने 28 लाख रुपये खर्च करने का प्रत्येक प्रत्याशी को अधिकार दे रखा है. प्रशासन चुनाव में मतदाताओं को रुपये का प्रलोभन व शराब के बांटने को रोकने में कितना सफल होती है ये तो चुनाव में ही पता चलेगा. हालांकि गुरूवार को एसपी विनोद कुमार ने बताया कि कोसी के दियारा क्षेत्रों में नाव से पेट्रोलिंग व गश्ती लगातार करने का निर्देश दे दिया गया है. फोटो – अनुमंडल 2 – कोसी नदी को पार करने के लिए नाव पर सवार लोगवर्ष 1952 जीते – जियालाल मंडल कांग्रेस, हारे – बमभोला मंडल, सोशलिस्ट1957जीते – चौधरी मो सलाउद्दीन, कांग्रेस हारे – रामचन्द्र प्रसाद, सोशलिस्ट1962जीते – चौधरी मो सलाउद्दीन, कांग्रेसहारे – रामचन्द्र प्रसाद, सोशलिस्ट1967जीते – चौधरी मो सलाउद्दीन, कांग्रेसहारे – रामचन्द्र प्रसाद, सोशलिस्ट1969जीते – रामचन्द्र प्रसाद, संसोपाहारे – चौधरी मो सलाउद्दीन, कांग्रेस1972जीते – चौधरी मो सलाउद्दीन, कांग्रेसहारे – रामचन्द्र प्रसाद, संसोपा1977जीते – चौधरी मो सलाउद्दीन, कांग्रेसहारे – रामचन्द्र प्रसाद, जनता पार्टी1980जीते – चौधरी मो सलाउद्दीन, कांग्रेसहारे – दिनेश चन्द्र यादव, लोकदल1985जीते – चौधरी मो सलाउद्दीन, कांग्रेसहारे – दिनेश चन्द्र यादव, लोकदल1990जीते – दिनेश चन्द्र यादव, जनता दलहारे – चौधरी महबूब अली कैसर, कांग्रेस1995जीते – चौधरी महबूब अली कैसर, कांग्रेसहारे – दिनेश चन्द्र यादव, जनता दल2000जीते – चौधरी महबूब अली कैसर, कांग्रेसहारे – मो जफर आलम, राजद2005जीते – दिनेश चन्द्र यादव, जदयूहारे – चौधरी महबूब अली कैसर, कांग्रेस2009जीते – चौधरी महबूब अली कैसर, कांग्रेसहारे – डॉ अरुण कुमार यादव, जदयू2010जीते – डॉ अरुण कुमार यादव, जदयूहारे – चौधरी महबूब अली कैसर, कांग्रेस

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें