मुंबई : पाकिस्तानी गजल गायक गुलाम अली पर आज एक बार फिर शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना के जरिए हमला किया है. आज सामना के संपादकीय में ‘गुलाम अली’ को लेकर एक लेख छपा है जिसमें कहा गया है कि कार्यक्रम रद्द होने पर पाकिस्तान गायक को चाहने वाले हाय तौबा मचा रहे हैं. ये ऐसे लोग हैं जो गुलाम अली के गुलाम हैं. इन्हें भारत के शहीदों की चिंता नहीं है.
लेख में कहा गया है कि शिवसेना ने गुलाम अली का कार्यक्रम रद्द करवा कर भारत के शहीदों को श्रद्धांजलि दी है. इसपर उन्हें खुशी है. सामना में महानायक अमिताभ बच्चन और लता मंगेशकर का उल्लेख करते हुए लिखा गया है कि भारत के गायकों और कुछ अभिनेताओं के प्रवेश पर पाकिस्तान में रोक है. इसपर गुलाम अली के चाहने वालों का ध्यान क्यों नहीं जाता है.
शिवसेना ने सामना के जरिए टीवी कलाकारों पर भी हमला करते हुए लिखा कि टीवी के माध्यम से भी पाकिस्तानी कलाकारों का घुसपैठ जारी है. इसे रोकना चाहिए नहीं तो अनर्थ हो जाएगा. आइपीएल खिलाडि़यों को लेकर भी सामना में लिखा गया है लेकिन आपको बता दें इस फार्मेट में कोई भी पाकिस्तानी खिलाड़ी नहीं खेलता है.
लेख में शिवसेना ने आयोजकों पर भी कड़ा प्रहार करते हुए लिखा कि हारमोनियम पर उंगलियां घुमाने और गले से गजल का सुर साधने से पहले गुलाम अली हमारे जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे क्या? मानवता की कीमत हम चुका रहे हैं और पकिस्तानी कलाकार हमारे खून के कतरों पर नाच-गाकर लोगों को मनोरंजन करके वाहवाही लूट रहे है. इसके लिए हम आयोजकों को भी जिम्मेदार मानते हैं और उन्हें ऐसे करने पर शर्म आनी चाहिए.
गौरतलब है कि मुंबई में आज यानी नौ अक्तूबर को होने वाला मशहूर पाकिस्तानी गजल गायक गुलाम अली का कार्यक्रम रद्द कर दिया गया है. कार्यक्रम के आयोजक रंधीर रॉय ने यह जानकारी दी देते हुए बुधवार को कहा कि गुलाम अली का मुंबई में कार्यक्रम रद्द कर दिया गया है. उन्होंने इसके लिए शिवसेना को जिम्मेदार बताया था. शनिवार को भी गुलाम अली का पुणे में कार्यक्रम होना था जिसे रद्द कर दिया गया है.