नयी दिल्ली : रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रतिनिधि के रूप में प्रादेशिक आर्मी दिवस परेड में हिस्सा लिया और परेड की सलामी ली. इस अवसर पर उन्होंने कहा की फायटर पायलट के रूप में महिलाओं को शामिल किये जाने की वे वकालत करते हैं. उन्होंने कहा कि इसमें कई संचालन और प्रशिक्षण स्तर की बाधाएं हैं, जिसे दूर किया जायेगा. पर्रिकर ने कहा कि हम सैद्धांतिक रूप से इसका समर्थन करते हैं, यह कार्य प्रक्रिया में है जल्द ही सरकार कोई नीति घोषित करेगी. परेड में सेना ने अपना दम खम दिखाया और परेड के साथ झांकियां भी निकाली.
गुरुवार को वायुसेना दिवस के अवसर पर एयर चीफ मार्शल अरुप राहा ने कहा, ‘हमारे यहां महिलाएं परिवहन विमानों और हेलीकॉप्टरों को पहले से ही उडा रही हैं. अब भारत की युवतियों की महत्वाकांक्षाएं पूरी करने के लिए हम उन्हें लडाकू विमान इकाई में भी नियुक्त करने की योजना बना रहे हैं.’ इसे प्रगतिशील कदम करार देते हुए वायुसेना प्रमुख ने कहा कि उन्हें असल जंगी परिदृश्य में संघर्ष करने में महिलाओं में कोई ‘अयोग्यता’ नजर नहीं आती. उन्होंने संवाददताओं से कहा था कि वायुसेना का प्रस्ताव रक्षा मंत्रालय के पास है, वहां से मंजूरी मिल जाने के बाद महिलाओं के जंगी विमान उडाने की योजना को पूरी तरह क्रियाशील करने में कम से कम तीन साल लगेंगे.
तीनों सेवाओं में से भारतीय वायुसेना पहली सेवा है, जिसमें महिलाओं को लडाकू शाखा में शामिल करने की योजना बनायी जा रही है. इससे पहले ये सेवाएं महिलाओं को लडाकू भूमिका में लेने के विचार से सहमत नहीं थीं. रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने सशस्त्रबलों की लडाकू इकाइयों में महिलाओं को शामिल करने से उनकी सुरक्षा की आशंका के चलते मई में इनकार कर दिया था लेकिन कहा था कि उन्हें अन्य संचालन क्षेत्रों में शामिल होने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा और चरणों में उनकी संख्या बढायी जाएगी. जब वायुसेना प्रमुख से पूछा गया कि यदि किसी महिला लडाकू पायलट को सीमापार मार दिया जाता है तो वायुसेना क्या कदम उठाएगी, उन्होंने कहा कि जरुरी नहीं कि उन्हें सीमापार जाने की आवश्यकता पडे.
उन्होंने कहा, ‘हमारे यहां लडाकू पायलटों या लडाकू विमान के लिए देश के अंदर ही ढेर सारी भूमिकाएं हैं विशेषकर वायुरक्षा, प्रशिक्षण, उडान प्रशिक्षक. कई अन्य कार्य हैं. अतएव, यदि जरुरत उत्पन्न हुइंर् तो वे उपयुक्त लडाकू भूमिकाएं भी करेंगी. यह भविष्य में देखने की बात है. मुझे असल जंगी परिदृश्य में संघर्ष करने में महिलाओं में कोई ‘अयोग्यता’ नजर नहीं आती.’ फिलहाल भारतीय वायुसेना सात क्षेत्रों में महिलाओं को तैनात करती है. ये क्षेत्र हैं- प्रशासन, साजोसामान, मौसम विभाग, नेविगेशन, शिक्षा, एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग-मैकेनिकल और इलेक्ट्रिकल और अकाउंट्स. एयरफोर्स में इस समय 1300 से अधिक महिलाएं हैं. उनमें से 94 पायलट हैं और 14 नेविगेटर हैं. अमेरिका, इस्रायल और पाकिस्तान जैसे कई देशों में महिला लडाकू पायलट हैं.