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मेरे और माराडोना जैसा दूसरा नहीं होगा : पेले

मेरे और माराडोना जैसा दूसरा नहीं होगा : पेले एजेंसियां, नयी दिल्लीवह भले ही सुब्रोतो कप के जरिये युवा फुटबॉल को बढ़ावा देने लंबी दूरी तय करके यहां आ रहे हों, लेकिन ब्राजील के महानतम फुटबॉलर पेले ने कहा कि उनके और अर्जेंटीना के डिएगो माराडोना जैसा कोई और नहीं होगा. फुटबॉल के जादूगर कहे […]

मेरे और माराडोना जैसा दूसरा नहीं होगा : पेले एजेंसियां, नयी दिल्लीवह भले ही सुब्रोतो कप के जरिये युवा फुटबॉल को बढ़ावा देने लंबी दूरी तय करके यहां आ रहे हों, लेकिन ब्राजील के महानतम फुटबॉलर पेले ने कहा कि उनके और अर्जेंटीना के डिएगो माराडोना जैसा कोई और नहीं होगा. फुटबॉल के जादूगर कहे जानेवाले 74 वर्ष के एडसन अरांतेस डो नासिमेंटो उर्फ पेले अगले सप्ताह 56वें सुब्रोतो कप 2015 फाइनल के विशेष दूत के तौर पर यहां आयेंगे. पेले ने कहा : पेले सिर्फ एक ही होगा, क्योंकि मेरे माता-पिता दूसरा पेले पैदा नहीं कर सकते. हर खिलाड़ी बेमिसाल और अलग होता है. इसी तरह माराडोना, जिदान या बैकनबाउर जैसा भी कोई नहीं होगा. ब्लैक पर्ल के नाम से मशहूर पेले तीन विश्व कप और एक बार फीफा के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी का पुरस्कार जीत चुके हैं. अपने कैरियर में उन्होंने 1283 गोल किये. पेले ने पहली बार 1958 विश्व कप में 17 बरस की उम्र में खेला था. उसके बाद 1962 और 1970 में ट्रॉफी जीती. उन्होंने कहा : मैंने अपना बचपन स्थानीय टूर्नामेंट खेलते हुए बिताया, जिस पर वाल्डेमार डि ब्रिटो ने मेरी प्रतिभा को पहचाना. उन्होंने मुझे सांतोस एफसी के लिए खेलने का मौका दिया, जिससे मेरी जिंदगी हमेशा के लिए बदल गयी. मैं 20 साल तक क्लब के लिए खेलता रहा. पेले ने कहा कि भारत जैसे देश के लिए सुब्रोतो कप की तरह टूर्नामेंट जरूरी है, जिससे युवाओं की हौसलाअफजाई होती है. उन्होंने कहा : युवाओं को सक्रिय और स्वस्थ रखने का सर्वश्रेष्ठ तरीका खेल है. युवाओं के लिए होनेवाले टूर्नामेंटों से उन्हें अपने कौशल को निखारने , कोचों और साथियों से सीखने और नये दोस्त बनाने का मौका मिलता है. पेले ने कहा : मैं बच्चों से मिल कर उन्हें टीमवर्क, अच्छी खेलभावना, सम्मान और कड़ी मेहनत के बारे में बताउंगा. मैं उन्हें यह भी बताउंगा कि फुटबॉल एक या दो स्टार खिलाड़ियों के बारे में नहीं है. एक टीम के रूप में ही जीता जा सकता है. उन्होंने कहा : मेरा लक्ष्य प्रेरक कहानियां बताना और युवाओं को सलाह देना है. मैं उनसे अपना इतिहास साझा करना चाहता हूं. पिछली और एकमात्र बार पेले 1977 में भारत आये थे. आधुनिक फुटबॉल के बारे में पूछने पर उन्होंने लियोनेल मैसी और क्रिस्टियानो रोनाल्डो को सर्वश्रेष्ठ बताया. उन्होंने कहा : इनके अलावा मेरे देश का नेमार भी है. वह भी सांतोस क्लब से आया है.

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