बिना बोर्ड बनाये आइजीआइसी में नहीं होगा गंभीर मरीजों की सर्जरी नवंबर से नयी व्यवस्था शुरू , इलाज में मिलेगा इसका फायदा संवाददाता, पटना महानगरों में बने बड़े अस्पतालों की तर्ज पर अब आइजीआइसी में भी किसी भी गंभीर मरीज का ऑपरेशन करने के पहले मेडिकल बोर्ड बैठायी जायेगी. इसमें ऑपरेशन करनेवाले डॉक्टर और उनकी पूरी टीम होगी, जिनकी आम सहमति के बाद ही गंभीर मरीजों के हार्ट का ऑपरेशन किया जायेगा. बोर्ड में शामिल डॉक्टर मरीज की बीमारी का पूरा ब्योरा नोट करेंगे और उस पर विचार करेंगे. इसके बाद यह निर्णय लिया जायेगा कि मरीज का कब और किसी तरह से ऑपरेशन कराना है. रिपोर्ट जल्दी मिले, इसकी पूरी व्यवस्था के लिए इमरजेंसी में अलग से जांच की सुविधा होगी. गंभीर मरीजों के लिए कभी भी बैठेगी बोर्ड आइजीआइसी में पूरे बिहार से हृदय रोग का इलाज के लिए आते हैं. इसमें कई गंभीर होते हैं, तो कई का ऑपरेशन दो-चार दिन टाला भी जा सकता है. कुछ अति गंभीर मरीज भी आते हैं, जिनका ऑपरेशन तुरंत करना होता है. ऐसे में बोर्ड तुरंत अपना निर्णय लेगी और इसके लिए कभी भी बोर्ड की मीटिंग हो सकती है. संस्थान निदेशक की पहल पर यह नियम बनाया गया है और इसे नवंबर से लागू किया जायेगा. नयी पहल के बाद मरीजों के ऑपरेशन का पूरा इतिहास चिकित्सकों के पास ओटी में होगा और उन्हें ऑपरेशन करने में परेशानी नहीं होगी. डॉ हरेंद्र कुमार, निदेशक, आइजीआइसी
बिना बोर्ड बनाये आइजीआइसी में नहीं होगा गंभीर मरीजों की सर्जरी
बिना बोर्ड बनाये आइजीआइसी में नहीं होगा गंभीर मरीजों की सर्जरी नवंबर से नयी व्यवस्था शुरू , इलाज में मिलेगा इसका फायदा संवाददाता, पटना महानगरों में बने बड़े अस्पतालों की तर्ज पर अब आइजीआइसी में भी किसी भी गंभीर मरीज का ऑपरेशन करने के पहले मेडिकल बोर्ड बैठायी जायेगी. इसमें ऑपरेशन करनेवाले डॉक्टर और उनकी […]
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