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सदर अस्पताल के ओपीडी में रोज पहुंच रहे 200 चर्म रोगी

मुजफ्फरपुर: त्वचा रोग की बीमारी काफी तेजी से पांव पसार रहा है. शहर से गांव तक इस रोग के गिरफ्त में आ गया है. सदर अस्पताल में हर दिन इस रोग के शिकार औसतन 200 मरीज पहुंच रहे हैं. अप्रैल महीने के बाद इस रोग के मरीजों की संख्या में पांच गुणा बढ़ोतरी हुई है. […]

मुजफ्फरपुर: त्वचा रोग की बीमारी काफी तेजी से पांव पसार रहा है. शहर से गांव तक इस रोग के गिरफ्त में आ गया है. सदर अस्पताल में हर दिन इस रोग के शिकार औसतन 200 मरीज पहुंच रहे हैं. अप्रैल महीने के बाद इस रोग के मरीजों की संख्या में पांच गुणा बढ़ोतरी हुई है. प्रखंड मुख्यालयों में पीएचसी का भी यही हाल है.

हर पीएचसी में औसतन 5 से 10 मरीज आ रहे हैं. इतना ही नहीं, गांव के दवा दुकानों में भी चर्म रोग वाली दवाओं की बिक्री काफी बढ़ी गयी है. ग्रामीण दुकानदार एक दिन में चर्म रोग वाला 15 से 20 ट्यूब बेच रहे हैं. यानी शहर से गांव तक फंगस व बैक्टीरिया से चर्म रोग काफी तेजी से पांव पसार लिया है. इनमें खास कर दीनाय के मरीजों की संख्या ज्यादा है.

लोगों का कहना है कि दीनाय पर कोई भी मरहम काम नहीं कर रहा है. फंगस व बैक्टीरिया ने दवा के विरोध में अपनी क्षमता बढ़ा ली है. इससे मरीजों की परेशानी और बढ़ गयी है. औराई पीएचसी प्रभारी डॉक्टर रामानंद शर्मा बताते हैं कि रोजाना पांच से सात मरीज आते हैं. मरीज बताते हैं कि दवा लगाने पर फायदा नहीं होता है. औराई के लोहिया चौक निवासी शशि कुमार साह बताते हैं कि हर दिन चर्म रोग के 15 से 20 ट्यूब बिक्री होती है. पारू पीएचसी के ओपीडी में तैनात डॉक्टर राजेश कुमार बताते हैं कि हर दिन पांच से सात मरीज आते हैं. पारू बाजार के दवा दुकानदार सुधीर पटेल बताते हैं कि यहां कई दवा दुकान हैं. हर दुकानदार चर्म रोग के औसतन 10 से 20 ट्यूब बेचते हैं. कांटी में भी लोगों की यही शिकायत है.

कटरा पीएचसी प्रभारी डॉ अनिल ठाकुर बताते हैं कि कभी 25 तो इससे अधिक मरीज चर्म रोग के आते हैं. कटरा बाजार के दवा दुकानदार संजय कुमार व राजीव कुमार बताते हैं कि चर्म रोग के 15 से 20 ट्यूब हर दिन बिक्री होती है. लोग खुद ले जाते हैं. यह हाल कमोवेश अधिक प्रखंडों का बना हुआ है. ये हैं चर्म रोग के कारणत्वचा में नमी होने से फंगस लगना कई लोगों का कपड़ा एक साथ साफ करना कई लोगों का कपड़ा एक साथ रखना अधिक पसीना चलना, इसे यूं ही छोड़ देना त्वचा से चिपका हुआ कपड़ा पहनना मोटापा से पसीना पर त्वचा में रगड़ होना त्वचा को हर दिन सही से साफ नहीं करना एक तौलिया कई व्यक्तियों द्वारा इस्तेमाल करना ऐसे करें अपनी त्वचा की सुरक्षा त्वचा में एंटी फंगल साबुन व पाउडर का प्रयोग करेंढीला कपड़ा पहनें, इसे नियमित तौर पर साफ करेंकॉटन का कपड़ा अधिक से अधिक प्रयोग करें शरीर को पानी से बचाने का पूरा प्रयास करेंशरीर में नारियल तेल का प्रयोग करेंजल्द ठीक न हो तो डॉक्टर से सलाह लें जांधिया कॉटन का पहनें, पसीना को जमने नहीं दें.

बयान इन दिनों त्वचा रोग के बढ़ने की सूचना मिल रही है. इस कारण, सदर अस्पताल में त्वचा रोग के इलाज की पूरी व्यवस्था की गई है. इसके विशेषज्ञ यहां इलाज करते हैं. लोग बेहिचक यहां पहुंचकर इलाज करायें. त्वचा रोग को मामूली नहीं समझें.डॉ ललिता सिंह, सिविल सर्जन, मुजफ्फरपुरअप्रैल के बाद इसके मरीजों की संख्या में अचानक बाढ़ आ गयी है. यहां आने वाले मरीज बताते हैं कि काफी दवा करा कर आये हैं, लेकिन बीमारी घटने के बदले बढ़ रही है.

इतना मरीज पहले कभी नहीं देखे थे. अप्रैल में 40 से 50 मरीज आते थे. अभी दो सौ से अधिक मरीज आते हैं. हर दिन दो बज जाता है. इसके बैक्टीरिया और फंगस पर कई दवाएं भी काम नहीं करती हैं. डॉ आरएन शर्मा, त्वचा रोग विशेषज्ञ, सदर अस्पताल त्वचा रोग के करीब 20 से 25 मरीज देखते हैं. इनमें से 15 से 17 लोग दीनाय से पीड़ित होते हैं. इन दिनों संक्रमण काफी तेजी से बढ़ रहा है. गरमी व उमस अधिक है. बीमारी पर दवा का असर भी कम हो रहा है. यह फंगस और बैक्टीरिया के कारण बढ़ रहा है.डॉ पीयूष, त्वचा रोग विशेषज्ञ, मुजफ्फरपुर \\\\B

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