बलिया : सांप्रदायिक एनडीए और दूसरा लालू-नीतीश-कांग्रेस महागंठबंधन है, जो जनता को असली मुद्दे से हटा कर पुन: गद्दी पर आसीन होना चाहता है. दोनों गंठबंधन का हाथ गरीबों के खून से सना है.
उक्त बातें बलिया चमड़िया मैदान में चुनाव सभा को संबोधित करते हुए भाकपा (माले) के राष्ट्रीय महासचिव दीपंकर भट्टाचार्य ने कहीं. उन्होंने कहा कि केंद्र में नरेंद्र मोदी की सरकार बनते ही महंगाई बढ़ गयी.
लोगों की थाली से दाल गायब हो गयी. लोग प्याज और रोटी खाकर दिन गुजारना चाहा, तो प्याज के दाम भी आसमान पर चले गये. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार के भूमि अधिग्रहण बिल का विरोध कर वापस कराया गया.
उन्होंने नीतीश कुमार पर हमला बोलते हुए कहा कि नीतीश सरकार ने न्याय के साथ विकास का वादा किया लेकिन गरीबों को तीन डिसमिल जमीन नहीं मिल सकी. बंटाईदारों के लिए कोई कानूनी हक सरकार की ओर से नहीं मिला.
उन्होंने बिहार सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि आज बेरोजगार रोजगार के लिए भटक रहे हैं. एनडीए व महागंठबंधन दोनों अपने-अपने पुत्र को टिकट देने में मशगुल हैं. उन्होंने उपस्थित भीड़ से भाकपा माले के प्रत्याशी नूर आलम को विजयी बनाने की अपील की. सभा को शिवसागर शर्मा, पूर्व राज्य सचिव राकेश सिंह, विद्यानंद यादव, शशिभूषण सिंह, इंद्रदेव राय समेत अन्य लोगों ने संबोधित किया.