नयी दिल्ली :जर्मनी की चांसलर एंजेला मर्केल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की है. सुत्रों से मिली जानकारी के अनुसार दोनों देशों के बीच कुछ अहम मुद्दों पर बातचीत की गयी. इससे पहले मर्केल राष्ट्रपति भवन पहुंची. यहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनसे मुलाकात की और उनका स्वगात किया. साथ ही राष्ट्रपति भवन में सेना के जवानों द्वारा मर्केल का औपचारिक स्वागत किया गया. यहां मर्केल ने राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से मुलाकात की और बाद में उन्होंने विदेश मुत्री सुषमा स्वराज के साथ मुलाकात की. मोदी के साथ मर्केल ने दोनों देशों के राजनीतिक और आर्थिक संझेदारी पर चर्चा की.जर्मन चांसलर एंजेला मर्केल तीन दिनों की यात्रा पर कल रात यहां पहुंची. सुत्रों से मिली जानकारी के अनुसार दोनों देशों के बीच 12 एमओयू पर हस्ताक्षर हो सकते हैं. द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने के लिए प्रमुख क्षेत्रों के कई मुद्दों पर कल वह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ आज दिन के 11 बजे बातचीत करेंगी. वार्ता में व्यापार बढावा, सुरक्षा और रक्षा संबंधों पर मुख्य जोर होगा.
German Chancellor Angela Merkel arrives for the ceremonial reception at Rashtrapati Bhawan, Delhi. pic.twitter.com/Y2tRHK9X0w
— ANI (@ANI) October 5, 2015
हवाईअड्डे पर मर्केल की अगवानी वित्त राज्य मंत्री जयंत सिन्हा ने की. जर्मन चांसलर के साथ कई कैबिनेट मंत्रियों और शीर्ष अधिकारियों का बडा शिष्टमंडल भी आया है. मोदी और मर्केल के बीच होने वाली वार्ता द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने के लिए रक्षा, सुरक्षा, शिक्षा, नवीकरणीय ऊर्जा, उच्च प्रौद्योगिकी, कौशल विकास, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, रेलवे, जल और कूडा प्रबंधन, शहरी विकास तथा कृषि क्षेत्र पर केंद्रित होने की संभावना है.
भारत और जर्मनी 2001 से रणनीतिक साझेदार हैं. जर्मन चांसलर के साथ शीर्ष जर्मन कंपनियों के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों (सीइओ) का एक प्रतिनिधिमंडल भी है. योजनागत निवेश करने में जर्मन उद्योगों के सामने पेश आने वाली समस्याओं से मर्केल के अवगत कराये जाने की उम्मीद है. दोनों नेताओं द्वारा जलवायु परिवर्तन जैसे साझा चिंता के क्षेत्रीय एवं वैश्विक मुद्दों पर विचारों का आदान प्रदान किये जाने की भी संभावना है. यूरोपीय संघ में जर्मनी भारत का सबसे बडा व्यापारिक साझेदार है और भारत में सातवां बडा विदेशी निवेशक है.
दोनों देशों के बीच वस्तुओं और सेवाओं का कुल आदान-प्रदान पिछले साल करीब 15.96 अरब यूरो का था जो 2013 में दर्ज किये गये 16.10 अरब यूरो के स्तर से 1.14 अरब यूरो कम है. भारत से जर्मनी को निर्यात आंशिक रूप से बढा है. यह 2014 में 7.03 अरब यूरो था जबकि इसका जर्मन आयात पिछले साल के 9.19 अरब यूरो से घटकर 8.92 अरब यूरो हो गया है. 1,600 से अधिक भारत-जर्मन ‘कलैबरेशन’ और करीब 600 भारत-जर्मन संयुक्त उद्यम फिलहाल संचालित हो रहे हैं.