नरकटियागंज : स्वच्छता अभियान के एक साल पूरे हो चुके हैं. नगर परिषद में 43 लाख रुपये भी सफाई में खर्च कर दिये. लेकिन गंदगी बरकरार हैं.
सड़कों पर फैला कचरा इस अभियान की असफलता की कहानी स्वयं कह रहा है़ हालांकि नगर परिषद की ओर से कुछ प्रयास जरूर किए गये हैं.
लेेकिन स्वच्छता अभियान की असफलता में कहीं न कहीं नागरिक कर्तव्यों का भी अभाव दिखा़ लोगों के कचरा सड़क पर फेंकने के आदत में बदलाव नहीं आया़
बेकार हो गये लाखों के कूड़ेदान:नगर परिषद की ओर से नगर में 50 कूड़ेदान की ब्यवस्था की गयी थी़ इसके खरीद पर 26 हजार रुपये प्रति कूड़ेदान की दर से लगभग 13 लाख रुपये खर्च हुए़
लेकिन छत पर से ही कूड़ा नीचे सड़क पर फेंक देने की आदत के कारण कूड़ादान का उपयोग नहीं हो सका़ जहां कूड़ादान का प्रयोग हुआ भी वहां कूड़ादान से कचरा खाली करने की उचित व्यवस्था नहीं थी़
कूड़ेदान खाली करने के लिए नगर परिषद में प्रस्ताव लाया जरूर गया़ लेकिन इस पर अमल नहीं हुआ़ स्थिति यह है कि आज एक भी कूड़ेदान खोजने से नहीं मिलेंगे़ अपने घर के सामने गंदगी देख लोगों ने कूड़ेदान ही गायब कर दिया़
सफाई पर खर्च हुए 43 लाख : नगर परिषद में सफाई के नाम पर प्रति दिन लगभग 50 मजदूर एवं ड्राइवर काम करते हैं. जिन्हें प्रति दिन 205 रुपये की मजदूरी दी जाती है़
इसी प्रकार दो ट्रेक्टर,टेम्पू एवं बॉबकट पर डीजल मद में प्रतिदिन लगभग 1250 रुपये खर्च होते हैं. प्रति माह लगभग तीन लाख 60 हजार रुपया की दर से नगर परिषद ने एक साल में सफाई पर लगभग 43 लाख रुपये खर्च किये.लेकिन स्थिति ज्यों की त्यों बनी हुई है़
क्या कहते हैं अधिकारी
नगर परिषद के उपसभापति कन्हैया अग्रवाल का कहना है कि सफाई के मामले में नप ने पिछला सारा रिकार्ड तोड़ दिया है़ संसाधनों की कमी के वजह से जो थोड़ी बहुत कमी रह गयी, उसमें सुधार के प्रयास किये जा रहे हैं. सफाई में आम नागरिकों का अपेक्षित सहयोग जरूरी है़