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चुनाव के वक्त आरक्षण की बात वोटर को रिश्वत : जेठमलानी
भागवत के आरक्षण वाले बयान पर राम खफा, इसे राजनीति बताया पटना. वरिष्ठ वकील राम जेठमलानी अब पिछड़ों की पैरवी करने उतरे हैं. शनिवार को पटना में उन्होंने संघ प्रमुख को आड़े हाथों लिया. इशारों-इशारों में उन्होंने मोहन भागवत के आरक्षण संबंधी बयान को वोट की राजनीति बताया. बोले, देश के सबसे महत्वपूर्ण चुनाव के […]
भागवत के आरक्षण वाले बयान पर राम खफा, इसे राजनीति बताया
पटना. वरिष्ठ वकील राम जेठमलानी अब पिछड़ों की पैरवी करने उतरे हैं. शनिवार को पटना में उन्होंने संघ प्रमुख को आड़े हाथों लिया. इशारों-इशारों में उन्होंने मोहन भागवत के आरक्षण संबंधी बयान को वोट की राजनीति बताया. बोले, देश के सबसे महत्वपूर्ण चुनाव के ठीक पहले ही संघ ने यह मुद्दा क्यों उठाया? एक तरह से यह सीध-सीधे सवर्ण वोटरों को लुभाने की कोशिश है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इसमें हस्तक्षेप कर देश के सामने स्पष्ट करना चाहिए कि आरक्षण की व्यवस्था बनी रहेगी.
जेठमलानी ने कहा कि मोहन भागवत के आर्थिक आरक्षण के पक्ष वाले बयान को अब नरम करने की कोशिश की जा रही है. संघ के मुख पत्र आर्गेनाइजर व पांचजन्य इसे आरक्षण को सामाजिक नजरिये से पुनर्विचार की कोशिश के रूप में प्रचारित करने की कोशिश कर रहे हैं. ऐसे हालात में मुझे लगा कि कोई बाहरी दखल इस मामले में जरूरी है.
मैं मंडल कमीशन की रिपोर्ट लागू करने के लिए बिहार सरकार की तरफ से पैरवी भी कर चुका हूं. इसीलिए मैं पिछड़ों के हक की बात करने के लिए यहां आया हूं. जेठमलानी बोले-मैं पूरे सम्मान के साथ संघ प्रमुख से अनुरोध करता हूं कि यदि उनके बयान को सही ढंग से पेश नहीं किया गया है तो खुद इसे स्पष्ट करें. संघ और उससे जुड़े लोग यह अच्छी तरह जानते हैं कि आरक्षण एक संवैधानिक व्यवस्था है और इसे किसी बयानबाजी या सरकार के द्वारा नहीं बदला जा सकता. ऐसे में यह मांग उठाना सीधे-सीधे चुनावी राजनीति दिखता है.
जेठमलानी ने कहा कि मैं भी पक्ष में हूं कि आरक्षण पर पुनर्विचार हो, पर इसके पहले पिछड़ों की स्थिति का सर्वे हो. जिस दिन यह साबित हो जायेगा कि सारे पिछड़े अब सही जगह पहुंच गये हैं, उस दिन मुझे सबसे ज्यादा खुशी होगी. वही सही वक्त होगा आरक्षण की व्यवस्था में बदलाव का.
काले धन पर भी खुल कर
बोले: जेठमलानी ने भारतीय जनता पार्टी को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि उन्होंने जनता को गुमराह किया है. काला धन लाने के प्रयास की बजाय उसे जुमला बताया. पूर्व वित्त मंत्री पी चिदम्बंरम और वर्तमान वित्त मंत्री अरुण जेटली ने काला धन लाने के कोई प्रयास नहीं किये. ये दोनों वित्त मंत्री देश के बड़े गुनाहगार हैं. इन्हें जेल भेज देना चाहिए.
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