यह जानकारी रोटरी क्लब ऑफ कलकत्ता विजनरीज द्वारा आयोजित-ब्रेस्ट कैंसर जागरुकता कार्यक्रम में ऑनकोलोजिस्ट डॉ मन्दार एस. नदकरनी ने दी. उन्होंने बताया कि आनुवांशिक कारणों से बहुत कम मामले सामने आ रहे हैं. देरी से प्रेग्नेंसी या अपने बच्चों को दूध नहीं पिलाने वाली महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर की संभावना बढ़ रही है. भारत में, विशेषकर शहरी इलाकों में ब्रेस्ट कैंसर के 1.8 प्रतिशत नये मामले सामने आये हैं. महिलाओं में मोटापा या शराब पीने की लत भी इस रोग को बढ़ावा दे सकती है.
अगर महिलाओं को ब्रेस्ट में लम्प या दर्दरहित गठान महसूस हो या खिंचाव जैसा महसूस हो तो तुरंत विशेषज्ञ को दिखाना चाहिए. 50 साल की उम्र में यह खतरा बढ़ सकता है. डॉ का कहना है कि 25-30 साल की उम्र में शादी या एक बच्चा हो जाये तो इस रोग का खतरा टल जाता है. आजकल युवा महिलाओं में भी इस रोग के खतरे बढ़ रहे हैं. वैसे यह रोग किसी भी उम्र में हो सकता है. कुछ महिलाओं को पीरियड्स के दाैरान भी ब्रेस्ट में दर्द होता है. इसे नजरअंदाज न करें. 40 साल की उम्र की महिलाओं को मैमोग्राफी व सोनोग्राफी करवा कर यह जांच कर लेनी चाहिए कि कहीं वे खतरे के दायरे में तो नहीं हैं.