जमुई : आगामी 12 अक्तूबर को होने वाले विधानसभा चुनाव लेकर जहां विभिन्न दलों के प्रत्याशियों द्वारा जनता को अपने-अपने पक्ष में गोलबंद करने के लिए पुरजोर तरीके से प्रचार-प्रसार अभियान में लग गये है.
वहीं क्षेत्र के बुद्धिजीवी वर्ग के मतदाताओं के मन में अपने होने वाले विधायक को लेकर तरह-तरह के सवाल हो रहे हैं. केकेएम काॅलेज के प्राध्यापक प्रो जयकुमार सिंह, राज्य संपोषित बालिका उच्च विद्यालय के शिक्षक प्रकाश यादव ,चंदन कुमार गुप्ता ऐसा मानते हैं कि क्षेत्र में समस्या का अंबार लगा हुआ है.
ग्रामीण क्षेत्र के अलावे शहरी क्षेत्र के लोग भी बिजली, पानी, शिक्षा, सड़क और स्वास्थ्य जैसी समस्याओं से रोज दो चार होने को विवश है.जनप्रतिनिधियों के सार्थक सोच के अभाव में लोग अपेक्षित विकास से वंचित हो रहे हैं. आगे कहते हैं कि चुनाव का समय आने पर विभिन्न दलों के प्रत्याशी हाथ-पैर जोड़ कर अपने पक्ष में वोट करने के लिए विवश कर देते है.
लेकिन चुनाव समाप्त होने पर वे हमारी समस्याओं की ओर ध्यान देना मुनासिब नहीं समझते हैं. केकेएम कॉलेज के प्रभारी प्रधानाचार्य डाॅ सुबोध कुमार सिंह कहते हैं कि शहरी क्षेत्र में जलजमाव बहुत बड़ी समस्या है. किसी भी मौसम में हल्की सी बारिश होने पर शहर का अधिकांश हिस्सा अघोषित तालाब के रूप में तब्दील हो जाता है.
जिससे लोगों को गंदे पानी में प्रवेश कर जरूरी काम से अपने घरों से बाहर निकलना पड़ता है. कई घरों में तो बारिश का पानी भी प्रवेश कर जाता है.जिससे लोगों का जीना दूभर हो जाता है. जो जल जमाव की समस्या से लोगों को निजात दिलाने का आश्वासन देगा. हमलोग उसे ही अपना वोट देंगे.
अधिवक्ता सज्जन कुमार सिंह कहते हैं कि जमुई तकनीकी शिक्षा के मामले में काफी पिछड़ा हुआ है और यहां लड़कियों सामान्य शिक्षा के साथ-साथ कोई समुचित तकनीकी शिक्षा का कोई प्रबंध नहीं है. जिसकी वजह से कई लड़कियों को तो बीच में ही विवश होकर अपनी पढ़ाई बंद करनी पड़ती है.
अधिवक्ता विपिन कुमार सिन्हा व शिक्षक संजय कुमार गुप्ता कहते हैं कि हमारा होने वाला विधायक लोगों की मूलभूत समस्याओं की हल करने के लिए सजग रहने वाला होना चाहिए और विकासवादी सोच वाला होना चाहिए. क्योंकि आज भी जमुई में कई मूलभूत सुविधाओं का घोर अभाव है. कई मुहल्लों में आज भी आने जाने के लिए सड़क नहीं है और सार्वजनिक स्थल पर पीने के लिए शुद्ध पेयजल भी नहीं है.