साइनस नाक से सम्बंधित रोग है. ठंडे मौसम में नाक बंद होना, सिर में दर्द होना, आधे सिर में बहुत तेज दर्द होना, नाक से पानी गिरना इसके लक्षण हैं. अक्सर इसमें हल्का बुखार, आंखों में पलकों के ऊपर या दोनों किनारों पर दर्द रहता है.
साइनस से ग्रसित व्यक्ति धूल और धुआं बर्दाश्त नहीं कर सकता. कई मामलों में साइनस ही आगे चलकर अस्थमा, दमा जैसी गंभीर बीमारियों का रूप ले लेता है.
विशेषज्ञों के अनुसार, साइनस मानव शरीर की खोपड़ी में एक झिल्ली नुमा हैं जो सिर को हल्कापन व साँस वाली हवा, पास होने में मदद करती है. साँस लेने में अंदर आने वाली हवा इस झिल्ली से होकर फेफड़ों तक जाती है. इस झिल्ली में हवा के साथ आई गंदगी यानी धूल और दूसरे तरह की गन्दगी को रोकती है.
साइनस का झिल्ली में जब रूकावट आ जाती है तब ‘साइनोसाइटिस‘ नामक बीमारी हो जाती है.
साइनस के संक्रमण होने पर साइनस की झिल्ली में सूजन आ जाती है. सूजन के कारण हवा की जगह साइनस में मवाद या बलगम आदि भर जाता है, जिससे झिल्ली बंद हो जाती है. इस वजह से माथे पर, गालों व ऊपर के जबाड़े में दर्द होने लगता है और सूजन आना शुरू हो जाती है.
साइनस के घरेलू उपचार…
-एक चम्मच मेथी दाने को एक कप पानी में पांच मिनट तक उबाल कर छान लें. इसे चाय की तरह पिएं. फायदा होगा.
–ऊबलते हुए पानी में नमक डालें. उसके बाद 10 मिनट तक गर्म पानी की भाप लें. इसके बाद 20 मिनट तक हवा में ना जाएं. ध्यान रहे इस दौरान पंखा और कूलर भी बंद कर लें.
-आधा कप पानी में कुछ बूंदे युकेलिप्स तेल की डालें. इस पानी को ढककर उबालें. फिर स्टीम लें. यह साइनस सिरदर्द से तुरंत राहत देगा.
-इसमें सिकाई भी की जा सकती है. इसके लिए गर्म पानी की बोतल गालों के ऊपर रखकर, प्रकिया को कुछ देर तक दोहराते रहें. जल्द राहत मिलगी.
-जब साइनस की समस्या ज्यादा परेशान करने लगे तो सहजन की फली का सूप, लहसुन, प्याज, काली मिर्च और अदरक डालकर बनाएं. इस सूप को गर्मा गर्म पीने से बहुत लाभ होता है.
-नाक में कई बार कफ जम जाती है इसलिए ये जरूरी हो जाता है कि नाक को साफ करते रहें.
-नाक की झिल्ली पर वायरस, बैक्टीरिया, फंफूदी, धूल मिट्टी भी जमा हो जाती है. जो गंभीर इन्फेक्शन का कारण बन सकती हैं. इससे बचने के लिए आधा गिलास गुनगुना पानी लेकर उसमें नमक मिला लें और रुई को नमक पानी में डुबोकर हल्के-हल्के नाक की सफाई करें.