मुंबई : ‘मेरा नाम रघुराम राजन है और मेरा जो काम है, मैं करता हूं.’ यह बात आरबीआइ गवर्नर ने ऐसी टिप्पणीयों के जवाब में कही जिसमें उन्हें नीतिगत ब्याज दर में उम्मीद से अधिक कटौती पर ‘सांता क्लॉज’ जैसे खिताब से नवाजा जा रहा है. ब्याज दर में कमी के लिए सरकार और उद्योग की ओर दबाव के बीच राजन ने आज नीतिगत दर (रेपो) में 0.50 प्रतिशत की कटौती कर दी जो उम्मीद से दो गुनी है. उम्मीद थी कि रिजर्व बैंक 0.25 प्रतिशत तक की कटौती कर सकता है. पिछले तीन साल से भी अधिक समय में यह रेपो में सबसे बडी कटौती है और इससे रेपो दर साढे चार साल के न्यूनतम स्तर 6.75 प्रतिशत पर आ गया.
इससे पहले अप्रैल 2012 में रेपो में आधा प्रतिशत कमी कर उसे 8.50 से घटा कर 8.00 प्रतिशत किया था. रेपो दर वह दर होती है जिस पर केंद्रीय बैंक वाणिज्यिक बैंकों को फौरी जरुरत के लिए उधार देता है. मौद्रिक नीति की चौथी द्वैमासिक समीक्षा की घोषणा के लिए आयोजित संवाददाता सम्मेलन में उनसे जब पूछा गया कि क्या वह उम्मीद से ज्यादा दर घटाकर सांता क्लॉज बन रहे हैं या उनके बयान को सख्त कहा जाए.
उन्होंने कहा ‘मुझे नहीं पता आप लोग मुझे क्या कहेंगे. सांता क्लॉज या हॉक (बाज) मुझे नहीं पता. मैं इस पर ध्यान नहीं देता. मेरा नाम रघुराम राजन है और मेरा जो काम है, मैं करता हूं.’ यह पूछने पर कि आरबीआइ ने नीतिगत दर 0.50 प्रतिशत क्यों घटायी, आरबीआई गवर्नर ने कहा ‘हम यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि स्थायित्व और वृद्धि दोनों शब्द साथ चलें. दोनों महत्वपूर्ण हैं. इसलिए हमने उस गुंजाइश का उपयोग किया जो हमारे पास थी. लेकिन मुझे नहीं लगता कि हम बहुत आक्रामक थे. हम दिवाली बोनस नहीं दे रहे.’ राजन ने कहा कि वित्तीय बाजारों की उथल-पुथल से बचाव और ऐसी परिस्थितियों से सुरक्षित निकलने का सबसे अच्छा उपाय है कि नीति अच्छी रखी जाए.
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