16.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

अनिल शास्त्री ने लाल बहादुर शास्त्री की मौत से जुड़ी फाइलें सार्वजनिक करने की मांग की

नयी दिल्ली : पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा नेताजी सुभाषचंद्र बोस से जुडी 64 गोपनीय फाइलें सार्वजनिक किए जाने के कुछ ही दिन बाद पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के बेटों ने ताशकंद में हुई अपने पिता की मौत से जुड़ी फाइलें सार्वजनिक करने की मांग के साथ ही प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को इस संबंध में […]

नयी दिल्ली : पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा नेताजी सुभाषचंद्र बोस से जुडी 64 गोपनीय फाइलें सार्वजनिक किए जाने के कुछ ही दिन बाद पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के बेटों ने ताशकंद में हुई अपने पिता की मौत से जुड़ी फाइलें सार्वजनिक करने की मांग के साथ ही प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को इस संबंध में पत्र लिखने का फैसला किया है. कांग्रेस नेता अनिल शास्त्री ने आज कहा कि वह फाइलें सार्वजनिक करने की मांग करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को उनके विदेश यात्रा से लौटने के बाद पत्र लिखेंगे.

उन्होंने कहा, ‘‘सच्चाई सामने आनी चाहिए और जो भी दस्तावेज हैं वे सार्वजनिक होने चाहिए.” उन्होंने कहा कि 11 जनवरी, 1966 को 61 साल की उम्र में पूर्व सोवियत संघ के ताशकंद में शास्त्रीजी की आकस्मिक मौत पर निरंतर मंडरा रहे संदेह के मद्देनजर ऐसा करना आवश्यक है.

लाल बहादुर शास्त्री ने 1965 में भारत पाकिस्तान युद्ध के दौरान देश की अगुवाई की थी और इस युद्ध का औपचारिक रुप से समापन 10 जनवरी, 1966 को ताशकंद समझौते पर हस्ताक्षर के साथ हुआ था. उसके अगले दिन उनका निधन हो गया था. उनकी मौत को लेकर साजिश की अटकलें चलती रही है. सरकारी तौर पर कहा गया कि उनकी मौत दिल का दौरा पड़ने से हुई लेकिन परिवार को इसमें साजिश की गंध आती रही.

अनिल शास्त्री ने कहा कि जब उनके पिता का पार्थिव शरीर भारत लाया गया था तब उनके शरीर पर ‘नीले निशान’ और ‘सफेद चकत्ते’ थे जो ‘साजिश’ की ओर इशारा करते थे. उन्होंने कहा, ‘‘मैं व्यक्तिगत रुप से महसूस करता हूं कि कोई साजिश हो सकती है. लेकिन निर्णायक तौर पर ऐसा नहीं कह सकता. लेकिन लापरवाही स्पष्ट है. किसी का कुछ नहीं बिगडा , किसी को सजा नहीं मिली.

” अनिल शास्त्री ने कहा कि ताशकंद या भारत में पार्थिव शरीर का कोई पोस्टमार्टम नहीं किया गया जिससे मौत के सही कारण का पता चल सकता था. उन्होंने कहा, ‘‘ वहां एक खानसामा था जिसे गिरफ्तार किया गया और छोड़ दिया गया. मेरी मां जब ताशकंद पहुंची तब वह उससे मिलना चाहती थीं. लेकिन उनसे कहा गया कि उसका पता नहीं चल सका.

” उन्होंने कहा कि यह बेहद सकते में डालने वाली बात थी कि उनके निजी चिकित्सक आर एन चुघ और निजी सहायक की दुर्घटना में मौत हुई. दोनों को शास्त्रीजी की मौत की जांच कर रहे आयोग के समक्ष गवाही देनी थी. दो बार संयोग होने की संभावना कम होती है. अनिल शास्त्री ने कहा कि उनके पिता की व्यक्तिगत डायरी कभी नहीं मिली. उन्होंने कहा, ‘‘वह रोजाना उसमें नोट्स लिख लेते थे.

उसमें ताशकंद समझौते का उल्लेख रहा होगा. यहां तक कि उनके बगल में रखा थर्मस कभी नहीं वापस लाया गया. उनकी मौत थर्मस में रखी किसी वस्तु से हुई हो सकती है.” उन्होंने आशा जतायी कि फाइलें सार्वजनिक की जाएंगी क्योंकि भाजपा हमेशा से इसकी मांग करती रही है.

पूर्व प्रधानमंत्री के दूसरे बेटे और भाजपा नेता सुनील शास्त्री ने भी कहा कि वह अपने पिता से जुडी फाइलें सार्वजनिक करने का पहले भी कई प्रधानमंत्रियों से अनुरोध करते रहे हैं. उन्होंने कुछ पूर्व प्रधानमंत्रियों के नाम गिनाते हुए कहा कि वह चंद्रशेखर, आई के गुजराल और मनमोहन सिंह से मिले लेकिन उन्हें कभी जवाब नहीं मिला.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें