प्रतिनिधि : लखीसराय बेमिसाल कुरबानी की याद में मनाया जाने वाला मुसलिम भाइयों का त्योहार बकरीद की तैयारी पूरी कर ली गयी है.
शुक्रवार को मनाया जाने वाला इस त्योहार को गुरुवार को बाजारों में चहल-पहल बनी रही. मुसलिम भाइयों ने कपड़े, लुंगी आदि की खरीदारी की. खासकर युवा नये लूक व डिजाइन में उपलब्ध कुरता एवं लुंगी की खरीदारी में व्यस्त दिखे. युवाओं को आकर्षित करने के लिए बाजार में लखनऊ व मुंबई का स्पेशल कुरता उपलब्ध था.
बाजारों में इन कुरते का क्रेज बना रहा. मुंबई चिकन, लखनवी कुरता युवाओं को खूब भाया. मुंबई चिकन कुरता बाजारों में साढ़े तीन सौ से 6 सौ रुपये एवं लखनवी अर्द्ध वर्क कुरता 400 से साढ़े चार सौ के बीच उपलब्ध रहा. यह कुरता रेंज व लूक दोनों में युवाओं की पसंद बना रहा.
जिंस के साथ पहनने के लिए कोलकाता से मंगाया गया शॉट कुरता की भी अच्छी बिक्री रही. बाजार में ऐसे कुरते साढ़े पांच सौ से आठ सौ के बीच बिक्री किया गया. डिजाइनर लुंगी की भी मांग बनी रही.
बताते चले कि हजरत इब्राहिम अलैह सलाम की याद में बकरीद मनाया जाता है. इस त्योहार में अल्ला ताला की खिदमत में कुरबानी देने का चलन है.
कुरबानी का मकसद यह है कि हर आदमी अपने जान-माल व जायदाद व हर वह चीज जिसे वह बेहद पसंद करता है उसे अल्लाह की राह में कुरबान कर दे. कुरबानी के बाद उसके तीन हिस्से किये जाते हैं.
एक हिस्सा खुद रखकर शेष दो हिस्सा जरूरतमंदों के बीच बांटा जाता है. बकरीद इसलाम के दो अजीम त्योहारों में से एक है. इस मौके पर लोग अल्लाह के नाम पर जानवरों को कुरबान कर अपनी साद ए बंदगी का इजहार करते हैं.
सबसे पहले यह काम अल्लाह के पैगंबर हजरत इब्राहिम अलैह सलाम ने पेश किया. उन्होंने अल्लाह के हुक्म पर अपने बेटे हजरत इसमाइल अलैह सलाम की कुरबानी देने की तैयारी कर ली.