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हार्टअटैक में लापरवाही सही नहीं

कई बार हार्ट अटैक अचानक और झटके जैसे होतें हैं जिन्हें समझ पाना मुश्किल होता है. ज्यादातर हार्ट अटैक शुरुआत में बहुत धीमी गति से शुरू होते हैं. उसके बाद दर्द होता है और फिर असहजता बढ़ने लगती है. अक्सर लोग समझ नहीं पाते कि हार्टअटैक हुआ भी है या नहीं. जिस कारण कई बार […]

कई बार हार्ट अटैक अचानक और झटके जैसे होतें हैं जिन्हें समझ पाना मुश्किल होता है. ज्यादातर हार्ट अटैक शुरुआत में बहुत धीमी गति से शुरू होते हैं. उसके बाद दर्द होता है और फिर असहजता बढ़ने लगती है.
अक्सर लोग समझ नहीं पाते कि हार्टअटैक हुआ भी है या नहीं. जिस कारण कई बार मौके पर ही व्यक्ति की जान चली जाती है.
जानिए कैसे पहचाने हार्ट अटैक को…
1- सीने में दर्द होना, साँस लेने में तकलीफ महसूस होना. ज्यादातर हार्टअटैक के दौरान सीने के बीचो-बीच में कुछ समय के लिए असहजता महसूस होने लगती है. ये बेचैनी बढ़ती और घटती रहती है.
2- सीने के ऊपरी भाग में बेचैनी, घुटन, दबाव जैसा महसूस होने लगता है. शरीर के दुसरे अंगों में जैसे-दाहिने हाथ या दोनों हाथों में दर्द होना, गले में, पेट में, पीठ में और जबड़े में दर्द महसूस होने लगता है. साँस लेने में, सीने में दर्द होना और लगातार बेचैनी का बढ़ते जाती है.
3- हार्ट अटैक आने पर ठंडा पसीना आना, सर घूमना, चक्कर, उल्टी का आना भी इसके लक्षण होते हैं.
4- पुरुषों की तुलना में, महिलाओं में प्रारंभिक हार्ट अटैक के लक्षण सीने में दर्द या बेचैनी होते हैं. महिलाओं और पुरुषों में हार्ट अटैक के मिले-जुले आम लक्षण सांस लेने में तकलीफ, मतली/ उल्टी, जबड़े में दर्द आदि हो सकते हैं.
शोध अनुसार, पुरुषों में हार्ट अटैक के दौरान दर्द छाती के दाईं तरफ बढ़ता है जबकि महिलाओं में दर्द पेट के निचले हिस्से की तरफ बढ़ता है. इन कारणों को
सामान्यता लोग नहीं समझ पाते जिस वजह से अक्सर, महिलाओं का इलाज सही समय पर नहीं हो पाता.
साइलेंट हार्ट अटैक के लक्ष्ण भी आसानी से समझ नहीं आते. आमतौर पर इसके कारण व्यक्ति की मौत हो जाती है. इसके सामान्य लक्षणों में मरीज को पेट में गैस की समस्या का महसूस होना, मरीज को बेवजह थकान, शारीरिक क्रियाकलाप में सुस्ती , सामान्य स्थितियों में पसीना आना और सांस फूलना भी साइलेंट हार्ट अटैक के लक्षण हो सकते हैं.
अक्सर महिलाओं को हार्ट अटैक के दौरान गर्दन में, छाती की दायीं ओर, बायें कंधे अथवा बाजू में दर्द हो सकता है. यह सामान्य दर्द से अलग होता है. अपच की आशंका, डकार आना, पेट में सूजन जैसे लक्षण महिलाओं में हो सकते हैं. कुछ महिलाओं को चलने के दौरान थकान और सांस लेने में दिक्कत हो सकती है.
इन स्थितियों को दिल की बीमारी से जोड़ते हुए महिलाओं को उनके तनाव के स्तर की जांच और ईसीजी कराना चाहिए. कुछ महिलायें सीने में दर्द को नजरअंदाज करती हैं और बचती हैं कि उन्हें इलाज न कराना पड़े जिसकी वजह से उनके लिए यह गंभीर समस्या हो सकती है.
माना जाता है कि एक बार हार्ट अटैक आने के बाद जल्द ही दूसरा भी अटैक पड़ने की संभावनाए बढ़ जाती है लेकिन इससे बचने के लिए कुछ सावधानियां बरती जा सकती हैं.
-सबसे पहले अपने लाइफस्टाइल को बदल डालिए. एक्सरसाइज और मोर्निंग वाक को अपने दैनिक कार्य में शामिल करें.
-आहार में फैट, कोलेस्ट्रोल, अधिक कैलोरी के खाद्य पदार्थों और ड्रिंक्स से दूर रहें.
-स्मोकिंग और शराब को बंद कर दें.
-समय पर दवाइयां लें. दवाइयां 25% तक दूसरे हार्ट अटैक को रोकने में सक्षम होती हैं.
-आहार में सेब, दही, अनाज, किशमिश, बीन्स, सूखे मेवे, टमाटर, अनार, ग्रीन टी आदि को शामिल करें.
-खुद को ज्यादा थकान से बचाएं.

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