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व्यापमं घोटाला : MP, UP में 40 जगहों पर सीबीआइ ने की छापेमारी

नयी दिल्ली : मध्य प्रदेश के चर्चित व्यापमं घोटाले की जांच को आगे बढ़ाते हुए सीबीआइ ने गुरुवार को मध्य प्रदेश एवं उत्तर प्रदेश में करीब 40 अलग-अलग स्थानों पर छापेमारी की जिनमें घोटाले के कथित मुख्य साजिशकर्ता जगदीश सागर एवं एमपी के राज्यपाल राम नरेश यादव के पूर्व ओएसडी धनराज यादव के परिसरों पर […]

नयी दिल्ली : मध्य प्रदेश के चर्चित व्यापमं घोटाले की जांच को आगे बढ़ाते हुए सीबीआइ ने गुरुवार को मध्य प्रदेश एवं उत्तर प्रदेश में करीब 40 अलग-अलग स्थानों पर छापेमारी की जिनमें घोटाले के कथित मुख्य साजिशकर्ता जगदीश सागर एवं एमपी के राज्यपाल राम नरेश यादव के पूर्व ओएसडी धनराज यादव के परिसरों पर की गयी छापेमारी भी शामिल है. सूत्रों ने बताया कि मध्य प्रदेश के भोपाल, इंदौर, उज्जैन, रीवा, जबलपुर और उत्तर प्रदेश के लखनऊ व इलाहाबाद समेत कई अन्य शहरों में खोजबीन अभियान चलाया गया.

सूत्रों के मुताबिक ये छापे किसी मामला विशेष को लेकर नहीं थे बल्कि परीक्षाओं के आयोजन में कथित भ्रष्ट गतिविधियों की व्यापक साजिश का पर्दाफाश करने के लिए यह कार्रवाई की गयी. सूत्रों ने बताया कि मध्य प्रदेश के राज्यपाल राम नरेश यादव के पूर्व ओएसडी धनराज यादव के लखनऊ स्थित रिहायशी परिसर, कथित साजिशकर्ता जगदीश सागर, मप्र के पूर्व मंत्री लक्ष्मीकांत शर्मा और अन्य संदिग्धों के परिसरों पर छापे मारे गये. जिन अन्य संदिग्धों के परिसरों पर छापेमारी की गयी है उनमें भरत मिश्र, विनोद भंडारी, सुधीर शर्मा, ओम प्रकाश शर्मा, नितिन महिंद्रा तथा कुछ अन्य लोग शामिल हैं. उन्होंने बताया कि व्यापमं के कार्यालय की भी सीबीआइ टीम ने तलाशी ली.

सीबीआइ ने व्यापमं घोटाले के विभिन्न पहलुओं के संबंध में 105 से अधिक मामले दर्ज किये हैं. सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआइ को व्यापमं घोटाले से जुड़े सभी मामलों को अपने अधीन लेने का निर्देश दिया था भले ही वे जांच के किसी भी चरण में हों. प्रधान न्यायाधीश एचएल दत्तू की अध्यक्षता वाली पीठ ने अपने निर्देश में कहा था कि मामला किसी भी चरण में हो, सीबीआइ सभी मामलों को देखेगा. पीठ ने सीबीआइ की इस आशंका को भी खारिज किया था कि जिन मामलों में सुनवाई चल रही है, उन मामलों को अपने हाथ में लेने से आशंका है कि विशेष जांच दल (एसआइटी) और विशेष कार्य बल (एसटीएफ) उसके साथ सहयोग नहीं करेंगे.

उल्लेखनीय है कि मध्य प्रदेश के करोड़ों रु पये के व्यापमं घोटाले में कई बड़े नेताओं और अधिकारियों का नाम सामने आया था. विपक्षी दल कांग्रेस ने आरोप लगाया था कि खुद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी इसमें लिप्त हैं. बाद में शिवराज चौहान की याचिका पर ही सुप्रीम कोर्ट ने मामले की जांच सीबीआइ को सौंपी थी. इसके बाद से ही केंद्रीय जांच एजेंसी मामले की जांच कर रही है. इस मामले में अब तक सैंकड़ों लोग गिरफ्तार किये जा चुके हैं. जबकि इस मामले से जुड़े कई लोगों की संदिग्ध मौत भी हुई है. इससे पहले मामले की जांच के तीसरे दिन ही सीबीआइ ने बड़ी कार्रवाई करते हुए पांच मामलों में एफआइआर दर्ज की थी और पांच सदिग्ध मौतों का ब्यौरा भी मांगा. इन सभी मामलों में अब तक 160 लोगों को आरोपी बनाया गया है.

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