नयी दिल्ली : केंद्र सरकार के कर्मचारियों के वेतनमान में संशोधन के लिये गठित सातवां वेतन आयोग अपनी सिफारिशों के साथ तैयार है और जल्दी ही अपनी रिपोर्ट वित्त मंत्रालय को सौंप देगा. वेतन आयोग की सिफारिशों से करीब 48 लाख केंद्रीय कर्मचारियों तथा 55 लाख पेंशनभोगियों को फायदा होगा. इससे पहले, अगस्त में सरकार ने आयोग का कार्यकाल चार महीने बढा दिया था और उसे 31 दिसंबर तक सिफारिशें देने को कहा था.
सूत्रों के अनुसार, ‘आयोग सिफारिशों के साथ तैयार है और जल्दी ही रिपोर्ट सौंपेगा.’ आयोग की सिफारिशों का राज्य सरकार के कर्मचारियों के वेतन पर भी असर पड सकता है. आयोग को सिफारिशें देने के लिये मूलरुप से 18 माह का समय दिया था जिसकी समाप्ति से एक दिन पहले उसका कार्यकाल बढा दिया गया. न्यायाधीश ए.के. माथुर की अध्यक्षता वाले आयोग की नियुक्ति फरवरी 2014 में की गयी थी और उसकी सिफारिशें एक जनवरी 2016 से प्रभाव में आएंगी.
सरकार अपने कर्मचारियों के वेतनमान में संशोधन के लिये हर 10 साल पर वेतन आयोग का गठन करती है और प्राय: राज्य सरकार भी कुछ संशोधनों के साथ इन्ही सिफारिशों को स्वीकार कर लेती है. मीना अग्रवाल, आयोग की सचिव हैं जबकि अन्य सदस्यों में 1978 बैच के सेवानिवृत आईएएस अधिकारी, विवेक राय और अर्थशास्त्री रथिन रॉय शामिल हैं. इससे पहले सरकार ने छठे वेतन आयोग की सिफारिशों को एक जनवरी 2006 से और पांचवें वेतन आयोग की सिफारिशों को एक जनवरी 1006 से लागू किया था.
Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.