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सेंधमारी से डकैती का रास्ता अपनानेवाले गिरोह का भंडाफोड़

कोलकाता. महानगर के हरिदेवपुर, यादवपुर व गोल्फग्रीन इलाकों में एक के बाद एक डकैती की घटनाओं ने पुलिस की नींद उड़ा दी थी. इन मामलों के आरोपियो को दबोचने के लिए कोलकाता पुलिस के गुप्तचर शाखा व स्थानीय पुलिस ने संयुक्त रूप से तफ्तीश अभियान चालू किया. काफी मशक्कत के बाद पुलिस को डकैतों के […]

कोलकाता. महानगर के हरिदेवपुर, यादवपुर व गोल्फग्रीन इलाकों में एक के बाद एक डकैती की घटनाओं ने पुलिस की नींद उड़ा दी थी. इन मामलों के आरोपियो को दबोचने के लिए कोलकाता पुलिस के गुप्तचर शाखा व स्थानीय पुलिस ने संयुक्त रूप से तफ्तीश अभियान चालू किया. काफी मशक्कत के बाद पुलिस को डकैतों के एक ऐसे गिरोह का पता चला, जिसके कुछ सदस्यों के खिलाफ सेंधमारी की कुछ घटनाओं का आरोप पहले से था. कहा जा सकता है कि सेंधमारी से शुरुआत करने वाले गिरोह ने डकैती का रास्ता अपना लिया था. मुखबिरों की सूचना और जांच के आधार पर पुलिस ने महानगर में होने वाली डकैती की घटनाओं के चार आरोपियों को विगत शुक्रवार की रात अलग-अलग इलाकों से गिरफ्तार कर लिया.

पुलिस ने आशंका व्यक्त की है कि आरोपियों का तार बांग्लादेश से जुड़े हो सकते हैं.आरोपियों के नाम असलम शेख उर्फ राजू, मोहम्मद जिया शेख, लिटन शेख और मुनमुन मजूमदार बताये गये हैं. इनमें मोहम्मद जिया शेख बांग्लादेशी है. असलम तिलजला के सातगाछी का रहनेवाला है जबकि लिटन जीवनतल्ला इलाके का निवासी है. मुनमुन बाइपास स्थित एक बार में बैंड मास्टर है. आरोपियों के कब्जे से लूटे गये करीब 25 ग्राम वजन के सोने के गहने, नकदी, ग्रील व दरवाजा तोड़ने का यंत्र और आग्नेयास्त्र जब्त किये गये हैं. साथ ही मुनमुन के कब्जे से एक वाहन जब्त किया गया है जिसका उपयोग डकैती की घटना के दौरान किया गया था. पुलिस अधिकारियों का कहना है कि असलम और लिटन के विरूद्ध कुछ आपराधिक घटनाएं दर्ज हैं. असलम और मुनमुन लिव इन रिलेशन के तहत साथ में रहते थे. बार में ही उनकी मुलाकात मोहम्मद जिया शेख और लिटन से हुई थी. उसके बाद गिरोह के अन्य सदस्यों का संपर्क हुआ. आरोप के अनुसार मुनमुन के निवास स्थान में ही डकैती की घटनाओं की योजना तैयार की जाती थी.

पुलिस अधिकारियों का कहना है कि महानगर में हुई डकैती की पिछली कुछ घटनाओं की जांच में सबसे अहम बात थी कि आरोपियों द्वारा एक ही तरीका अपनाया गया था. घरों में घुसने के लिए डकैतों का तरीका बिल्कुल सेंधमारों से मिलता-जुलता था. बताया जा रहा है कि डकैती को अंजाम देने वाले आरोपियों ने एक घर से मोबाइल फोन भी लूटा था लेकिन उसका इस्तेमाल नहीं किया. शायद वे जानते थे कि मोबाइल फोन का लोकेशन उनके लिए खतरा पैदा कर सकता है.
सूत्रों के अनुसार गोल्फग्रीन में हुई डकैती की घटना के दौरान एक व्यक्ति नेे आरोपियों के वाहन को देखा था. सड़कों में लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज में वाहन की तसवीर भी मिली होगी. संभवत: उसी वाहन के सुराग ने आरोपियों तक पुलिस को पहुंचाया होगा. हालांकि पुलिस ने इस बारे में कुछ साफ नहीं किया है.
कोलकाता पुलिस के संयुक्त आयुक्त (अपराध) पल्लव कांति घोष ने कहा कि शनिवार को आरोपियों को अदालत में पेश किया गया जहां से उन्हें 28 सितंबर तक पुलिस हिरासत में भेज दिया गया. गिरोह के मास्टर माइंड की तलाश जारी है. आरोपियों से किये प्राथमिक पूछताछ में गिरोह के अन्य तीन-चार सदस्यों के नाम का पता चला है. इनमें से संभवत: कुछ बांग्लादेशी नागरिक भी हो सकते हैं. उन्होंने अन्य आरोपियों के भी जल्द गिरफ्तार कर लिये जाने का आश्वासन दिया है.

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