नयी दिल्ली: सरकार साइबर अपराध से निपटने के लिए एक अत्याधुनिक केंद्र की स्थापना करेगी। चाइल्ड पार्नोग्राफी और ऑनलाइन उत्पीडन से निपटना इस केंद्र की शीर्ष प्राथमिकता होगी.साइबर अपराध से प्रभावी तरीके से निपटने की दिशा में रोडमैप तैयार करने के लिए गठित एक विशेषज्ञ समिति द्वारा गृह मंत्रालय को रिपोर्ट सौंपने के बाद यह पहल की जा रही है.
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चाइल्ड पोर्नोग्राफी और ऑनलाइन उत्पीड़न से निपटने के लिए सरकार कर रही है जोरदार तैयारी
नयी दिल्ली: सरकार साइबर अपराध से निपटने के लिए एक अत्याधुनिक केंद्र की स्थापना करेगी। चाइल्ड पार्नोग्राफी और ऑनलाइन उत्पीडन से निपटना इस केंद्र की शीर्ष प्राथमिकता होगी.साइबर अपराध से प्रभावी तरीके से निपटने की दिशा में रोडमैप तैयार करने के लिए गठित एक विशेषज्ञ समिति द्वारा गृह मंत्रालय को रिपोर्ट सौंपने के बाद यह […]
समिति की सिफारिशों के अनुसार बच्चों और महिलाओं के खिलाफ होने वोल अपराधों खासकर ऑनलाइन उत्पीडन को तेजी से कम करने की जरुरत है.समिति ने अपनी रिपोर्ट में कहा, ‘‘इस तरह की सामग्री और वेबसाइटों की निगरानी और उन्हें बंद करने की जरुरत है.
सहायक कानूनों को मजबूत करने की जरुरत है, अभिभावकों को साइबर जगत पर बच्चों की गतिविधियों की निगरानी के लिए शिक्षित होने की जरुरत है और उन्हें बच्चों को साइबर मंच पर अच्छे व्यवहार को लेकर शिक्षित करना चाहिए.” समिति की सिफारिशों के अनुरुप चाइल्ड पार्नोग्राफी और ऑनलाइन उत्पीडन समेत सभी तरह के साइबर अपराध पर लगाम लगाने के लिए 400 करोड रूपये की लागत से एक साइबर अपराध नियंत्रण केंद्र ‘भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र’ :आईसी4: की स्थापना की जाएगी.
एक अधिकारी ने कहा, ‘‘गृह मंत्री राजनाथ सिंह पहले ही समिति की सिफारिशों के तेज कार्यान्वयन के लिए निर्देश दे चुके हैं.” सरकार ने पोर्नोग्राफी के मुद्दे को गंभीरता से लिया है और इंटरनेट सेवा प्रदाताओं से चाइल्ड पोर्नोग्राफी सामग्री वाली 800 से अधिक साइट बंद करने के लिए कहा है.
उच्चतम न्यायालय ने भी चाइल्ड पोर्नोग्राफी से निपटने के लिए ज्यादा कुछ ना करने के लिए सरकार को फटकार लगायी है. एक आधिकारिक आकलन के अनुसार पिछले दो-तीन साल में देश में साइबर अपराधों में सालाना 40 प्रतिशत की वृद्धि हुई है.आईसी4 की प्राथमिकताओं में भारतीय सरकार के आधिकारिक संचार तंत्र में घुसपैठ और उन्हें हैक करने की कोशिश करने वाले अंतरराष्ट्रीय गिरोहों की कोशिशों पर लगाम लगाना है.
आईसी4 के मुख्य उद्देश्यों में साइबर अपराध के खिलाफ लडाई में एक नोडल प्वाइंट और साइबर अपराध की सक्रिय निगरानी के साथ विधि प्रर्वतन एजेंसियों के लिए एक तत्काल चेतावनी प्रणाली के तौर पर काम करना शामिल है.आईसी4 एक सार्वजनिक मंच भी उपलब्ध कराएगा जहां पीडित साइबर अपराध की शिकायत दर्ज करा सकते हैं.
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