पीिड़त आदिवासी महिला ने गांव के दो लोगों के खिलाफ नामजद प्राथमिकी दर्ज करायी है. महिला की लिखित शिकायत के आधार पर पुलिस शुक्रवार जांच के लिए भाटरा गांव गयी. पुलिस के आने से पहले ही दोनों आरोपी गांव से फरार हो गये हैैं, लेकिन पुलिस ने गांववालों के मन से डायन होने संबंधी कुसंस्कार को खत्म करने के लिए एक जागरूकता शिविर का आयोजन किया.
इस बीच, पीिड़ता महिला जान से मारे जाने की डर से घर लौटने का िहम्मत नहीं जुटा पा रही है. वह अभी भी ओल्ड मालदा थाने में ही शरण ली हुई है. पीिड़त महिला का नाम फूलमणि सोरेन है. करीब सात वर्ष पहले उसके पति की मौत हो चुकी है. एक पुत्री का विवाह भी पास के ही एक गांव में काफी पहले हो चुका है. आदिवासी महिला अपने घर में अकेले ही रहती है. फूलमणि सोरेन ने आरोप लगाते हुए कहा है कि भाटरा गांव मेें पिछले कुछ दिनों से बुखार व पेट की बीमारी से कई लोग पीिड़त हुए हैं.