वाराणसी: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी के दौरे पर हैं. सुबह से ही प्रधानमंत्री कई कार्यक्रम में व्यस्त हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का प्रस्तावित दौरा पहले भी कई बार किसी न किसी कारण से टलता रहा. लंबे अरसे के बाद प्रधानमंत्री वाराणसी के दौरे पर हैं. पहले से तय कार्यक्रम के तहत रिक्शा चालकों को रिक्शा का वितरण किया. इस कार्यक्रम के तहत प्रधानमंत्री अपने क्षेत्र के उन लोगों को आर्थिक मजबूती देने की कोशिश की जिन्हें हर दिन रोजी रोटी के लिए काफी मेहनत करनी पड़ती है. इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री ने 501 पैडल और 101 ई रिक्शे का वितरण किया.
राजनीतिक टिप्पणीकार इसे प्रधानमंत्री की रिक्शा पॉलिटिक्स का भी नाम दे रहे हैं. 45 हजार करोड़ एकीकृत विद्युत योजना सहित कई योजनाओं का शिलान्यास किया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज मंच से राजनीतिक पार्टियों पर भी निशाना साधा उन्होंने कहा, कांग्रेस द्वारा 70 के दशक में दिए गए ‘गरीबी हटाओ’ नारे को हकीकत में नहीं बदल पाने को लेकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज गरजते हुए दावा किया कि पिछले 50 सालों में जो काम नहीं हो पाया, उसे वह 50 महीने में पूरा करके दिखाएंगें.
प्रधानमंत्री ने कांग्रेस का नाम लिए बिना उसे ललकारते हुए कहा कि जिन्होंने पिछले 40-50 साल में गरीबों के खाते तक नहीं खोले और उनकी अहमियत नहीं समझी, वो उनसे हिसाब मांग रहे हैं.वाराणसी में रिक्शा चालकों को 501 पैडल और 101 ई रिक्शे तथा सोलर लैम्प वितरित करने के एक समारोह को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि पिछले 60 सालों से हम गरीबों के कल्याण की केवल बातें करते रहे लेकिन जितनी मात्रा में इसके परिणाम आने चाहिए थे, गरीबों की जिंदगी में जो बदलाव आने चाहिए थे, वे नहीं आए.
कांग्रेस के ‘गरीबी हटाओ’ नारे पर चुटकी लेते हुए उन्होंने कहा कि हम गरीबी उल्मूलन के कार्यक्रम के बारे में 40..50 वर्षो से सुनते आ रहे हैं. राजनीति में गरीबों और गरीबों के कल्याण के बारे में बात करना एक परंपरा बन गई है जो बंद होनी चाहिए.’ अपने संबोधन में कांग्रेस का सीधे नाम लिये बिना मोदी ने कहा, ‘‘ अच्छा होता अगर 40..50 साल पहले : गरीबों के खाते: खोल दिये जाते…तब आज उसे आपरेट करने की जरुरत नहीं होती. आपने जो काम 50 वर्षो में नहीं किया, वो काम मैं 50 महीने में करुंगा. मैं यहां यह बताने आया हूं.’
उन्होंने जनधन योजना का जिक्र करते हुए कहा, ‘‘ बैंकों के राष्ट्रीयकरण के 40..50 साल गुजरने के बाद भी कोई गरीब बैंकों के दरवाजे पर नहीं दिखाई दे रहा है. इस सवाल को पिछले 50 सालों में किसी बुद्धिमान व्यक्ति ने नहीं उठाया. हमने यह बीडा उठाया है.’ कांग्रेस का नाम लिए बिना उन्होंने उस पर निशाना लगाना जारी रखते हुए कहा, ‘‘ मैं हैरान हूं… जिन्होंने कभी गरीबों के खाते नहीं खोले, गरीबों को कभी अहमियत नहीं दी, वो हमसे हिसाब मांग रहे हैं. वो कह रहे हैं कि खाते आपरेट नहीं हो रहे हैं.’ प्रधानमंत्री ने कहा कि रिक्शा चालकों को बैंकों के माध्यम से पैडल और ई रिक्शा प्रदान करने की पहल एक छोटी..छोटी पहल है लेकिन इन छोटी पहलों से बडे बदलाव आते हैं.
उन्होंने रिक्शा चालकों से अपने बच्चों को पढाने का आहवान करते हुए कहा, ‘‘ सभी रिक्शा वालों से आग्रह करता हूं कि कोई भी परेशानी हो, मेरे प्रति नाराजगी का भाव भी हो, तब भी अपने बच्चों को पढाने में कोताही न करें. उन्होंने कहा कि गरीबी से लडने का सबसे बडा औजार शिक्षा है. शिक्षा से देखते ही देखते स्थिति बदलनी शुरु हो जायेगी. बच्चों की पढाई में कोई समझौता नहीं करें. मोदी ने इस दौरान ‘रक्षा बंधन को सुरक्षा बंधन’ में परिवर्तित करने की पहल की सराहना की जिसके तहत प्रधानमंत्री जन सुरक्षा योजना को आगे बढाया जा रहा है. इस कार्यक्रम का आयोजन रिक्शा संघ ने किया था और इसमें उत्तरप्रदेश के राज्यपाल राम नाईक, राज्य के कारागार मंत्री बलराम यादव और आईडीबीआई एवं सिडबी के प्रबंधन निदेशक के अलावा यूको बैंक के कार्यकारी निदेशक एवं अमेरिकन फाउंडेशन के प्रतिनिधि मौजूद थे.