रांची: झारखंड सरकार ने कैबिनेट की बैठक में पेट्रोल और डीजल पर वैट लगाने का फैसला लिया था विरोध के बाद अब सरकार बैकफुट पर नजर आ रही है. सरकार ने डीजल में की गयी बढ़ोत्तरी को वापस लेने का फैसला लिया है. झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास ने फेसबुक पर लिखा, डीजल की कीमतें नहीं बढ़ेंगी .आमजनों की भावनाओ की क़द्र करता हूँ डीजल की कीमतों में वृद्धि सम्बन्धी निर्णय वापस लेता हूँ . हम आलोचनाओ को भी सकारात्मक रूप में लेते है. पेट्रोल की कीमतें अन्य राज्यो की अपेक्षा झारखण्ड में कम है अन्य राज्यों में पेट्रोल की कीमतों का अध्ययन कर निर्णय लिया जायेगा.
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पेट्रोल पर की गयी बढ़ोत्तरी पर सरकार का रुख कायम है. कैबिनेट की बैठक में लिये गये इस फैसले का चौतरफा विरोध हो रहा था. पेट्रोल पंप मालिकों ने भी इसे लेकर नाराजगी जतायी थी. झारखंड सरकार ने पेट्रोल-डीजल के मूल्य में उतार-चढ़ाव की वजह से होनेवाले राजस्व नुकसान की भरपाई के लिए इन पर वैट की निश्चित रकम निर्धारित कर दी थी मंगलवार को हुई कैबिनेट की बैठक में इसका फैसला लिया गया़ था पेट्रोल पर 15 रुपये और डीजल पर 12.5 रुपये प्रति लीटर की दर से वैट की रकम निर्धारित की गयी थी. अब बढ़ते विरोध के बाद सरकार डीजल पर अपने कदम पीछे करने को तैयार है. सरकार ने डीजल में की गयी बढोत्तरी पर कदम इसिलए भी वापस लेने का फैसला लिया है क्योंकि इसका असर सीधे खाने पीने के सामान पर भी पड़ता है.
डीजल के दाम बढ़ने से साधारण चीजें भी महंगी हो जाती है. इस फैसले के पीछे सरकार ने तर्क दिया कि सरकार को पेट्रोल से 10.46 रुपये और डीजल से 8.29 रुपये प्रति लीटर राजस्व प्राप्त हो रहा है़ सरकार के इस फैसले से संबंधित अधिसूचना जारी होने के बाद वर्तमान मूल्य पर पेट्रोल 4.54 रुपये और डीजल 4.21 रुपये प्रति लीटर तक महंगा हो जायेगा. यानी वैट की राशि फिक्स करने पर उपभोक्ताओं पर सीधे तौर पर यह बोझ पड़ेगा. दूसरी ओर सरकारी अधिकारियों के अनुसार, वैट की दर फिक्स करने पर आम लोगों पर कोई अतिरिक्त बोझ नहीं पड़ेगा. अधिकारियों का कहना है कि पेट्रोल-डीजल की घटती कीमतों के कारण राजस्व में कमी आयी है.