नयी दिल्ली : आरबीआइ के डिप्टी गवर्नर उर्जित पटेल ने आज कहा कि केंद्रीय बैंक को चालू वित्त वर्ष के दौरान चालू खाते का घाटा (कैड) सकल घरेलू उत्पाद के करीब 1.5 प्रतिशत रहने की उम्मीद है. उन्होंने यहां फिक्की द्वारा आयोजित समारोह में कहा ‘इस साल हमारा चालू खाते का घाटा सकल घरेलू उत्पाद के 1.5 प्रतिशत के दायरे में रहेगा.’ व्यापार घाटे में संकुचन और सेवा निर्यात से आय बढने के बीच जून में समाप्त पहली तिमाही के दौरान कैड घटकर सकल घरेलू उत्पाद के 1.2 प्रतिशत के बराबर या 6.2 अरब डालर रह गया.
उन्होंने कहा कि पुनर्गठन की उच्च लागत से पूंजी की लागत बढती है और आरबीआइ इस मामले को सुलझाने की कोशिश कर रहा है. पटेल ने कहा ‘पुनर्गठन की लागत जितनी अधिक होगी, ऋण निपटान की लागत जितनी अधिक होगी कर्जदार के लिए पूंजी की लागत बढेगी और हम इस पर विचार कर रहे हैं.’
उन्होंने कहा कि केंद्र और राज्यों का राजकोषीय घाटा भी पूंजी की लागत में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा क्योंकि वे सबसे बडे कर्जदार हैं. पटेल ने कहा कि 29 सितंबर को मौद्रिक नीति की समीक्षा से पहले मध्यम से दीर्घ अवधि में मुद्रास्फीति में नरमी से पूंजी की लागत घटेगी.
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