राज्य सरकार भाजपा के वरिष्ठ नेता व केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह और बाघमारा के विधायक ढुल्लू महतो के खिलाफ दर्ज मामले वापस ले रही है. ढुल्लू महतो पर पुलिस पर हमला कर वारंटी को छुड़ाने का आरोप है. मामले में पुलिस चार्जशीट दाखिल कर चुकी है और ट्रायल भी अंतिम चरण में है. फिर भी सरकार मामला वापस करना चाहती है. ऐसे में दूसरे दलों के नेता भी यह मांग करने लगे हैं कि सभी राजनेताओं पर दर्ज मामलों को वापस कर लिया जाये. राजनेता सवाल उठा रहे हैं कि जब ढ़ुल्लू के खिलाफ दर्ज मामले वापस हो सकते हैं, तो दूसरे दलों के नेताओं के खिलाफ दर्ज मामले में कार्रवाई क्यों की जानी चािहए?
रांची: झारखंड के 81 में से 49 विधायकों के खिलाफ थानों में प्राथमिकी दर्ज है. कई के खिलाफ हत्या, रंगदारी के मामले भी दर्ज हैं. कई के खिलाफ पुलिस चार्जशीट दाखिल कर चुकी है. अधिकांश विधायकों के खिलाफ अचार संहिता का उल्लंघन करने का मामला दर्ज है. कुछ पूर्व सांसदों व विधायकों के खिलाफ भी मामले दर्ज हैं. अब सब पर से केस वापस करने की मांग उठ रही है.
सरकार पावर का कर रही है दुरुपयोग : स्टीफन
झामुमो विधायक स्टीफन मरांडी ने कहा है कि सरकार पावर का गलत इस्तेमाल कर रही है़ अपने विधायक को बचाने की साजिश की जा रही है़ ढुल्लू महतो पर किस तरह का केस है, यह प्रशासन से लेकर आम जनता तक जानती है़ सरकार अपने ही विधायक को केवल क्यों बचा रही है़ दूसरे विधायकाें पर भी इस तरह का केस है, तो उनका भी केस वापस होना चाहिए़ ढुल्लू महतो के मामले में सत्ता का दुरुपयोग हो रहा है़ कानून के भय से ही ढुल्लू महतो ने पार्टी बदली थी और अब इसका फायदा उठा रहे है़ं.
खास विधायक का ही केस क्यों वापस हो : प्रदीप
झाविमो विधायक दल के नेता प्रदीप यादव ने कहा है कि एक खास विधायक के खिलाफ दर्ज केस ही क्यों वापस हो रहा है़ सरकार को कारण बताना चाहिए़ सरकार बताये कि इसकी जरूरत क्यों पड़ी़ श्री यादव ने कहा कि सरकार को लगता है कि ढुल्लू पर जो मामले हैं, उसे वापस ले लेना चाहिए, तो सरकार नीतिगत फैसला ही कर ले़ एक खास विधायक ही क्यों, इस तरह के मामले जिनके खिलाफ हैं, वापस होना चाहिए़ सरकार दरअसल ढुल्लू महतो की विधायकी बचाने में लगी है़ सरकार को मालूम है कि अपराधी को पुलिस हिरासत से छुड़वाने के मामले में सजा तय है़.
सभी विधायकों के केस की समीक्षा करे सरकार : अरूप
मासस के विधायक अरूप चटर्जी ने कहा है कि सरकार एक ही विधायक को लेकर फैसला क्यों कर रही है़ सरकार सभी विधायक, एमपी, पूर्व एमपी-विधायक के सभी मामलों की समीक्षा कर ले़ विधानसभा की विशेष कमेटी बना कर समीक्षा होनी चाहिए़ अगर सरकार केवल ढुल्लू का केस वापस लेगी, तो सवाल उठेगा़ सरकार कानून का सम्मान नहीं कर रही है़ केवल एक विधायक को राजनीतिक कारण से बचाने की कोशिश हो रही है़ कानून को हाथ में लेनेवालों काे बचाने का प्रयास हो रहा है़
इन विधायकों पर दर्ज हैं मामले
सीपी सिंह : आचार संहिता उल्लंघन का मामला चल रहा है.
अमित कुमर महतो (सिल्ली): चोरी, रंगदारी मांगने, हत्या की कोशिश करने, पुलिस पर हमला करने और सरकारी कार्य में बाधा उत्पन्न करने तक का आरोप है.
गणेश गंझू (सिमरिया) : हत्या और हत्या के प्रयास की दो प्राथमिकी दर्ज है. इसके सथ ही गणेश गंझू, टीपीसी के ब्रजेश गंझू के भाई भी हैं.
संजीव सिंह (झरिया): दो आपराधिक मामलें में अदालत में आरोप पत्र गठित किया जा चुका है.
भानू प्रताप शाही (भवनथपुर) : सरकारी अधिकारी के साथ मरपीट करने समेत दूसरे आपराधिक मामले में जेल गये. उनके खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम और मनी लाउंड्रिंग के तहत मामले दर्ज हैं.
गीता कोड़ा (जगन्नथपुर) : भ्रष्टाचार को लेकर आइटी एक्ट के तहत चार ममले दर्ज हैं.
जगन्नाथ महतो (डुमरी) : पांच आपराधिक मामले दर्ज हैं. पांचों मामले में अदालत द्वारा संज्ञान लिया जा चुका है.
दीपक बिरुआ (चाईबासा) : चोरी व वन अधिनियम के तहत प्राथमिकी दर्ज है.
पौलुस सुरीन (तोरपा): हत्या, रंगदारी, अवैध हथियार रखने के कई आपराधिक मामले दर्ज हैं. उग्रवादी संगठन पीएलएफआइ से संपर्क रखने का भी आरोप.
सीता सोरेन (जामा): भ्रष्टाचर के मामले में जेल गयीं. अपने पूर्व पीए और सरकारी गवाह के साथ मारपीट करने के मामले में भी आरोपी हैं.
चमरा लिंडा (बिशुनपुर) : दंगा करने, भीड़ के साथ मिल कर हत्या की कोशिश करने के आरोपी हैं.
अरूप चटर्जी (निरसा) : कई आपराधिक ममले दर्ज हैं.
राजकुमार यादव (राजधनवार) : कई आपराधिक मामले दर्ज है़ं
सुबोधकांत सहाय:आचार संहिता के उल्लंघन का मामला दर्ज है.
सुनील सहाय: नगर निगम चुनाव में वोट के बदले नोट बांटने का.
पूर्व मेयर रमा खलखो :नगर निगम चुनाव में वोट के लिए नोट बांटने का आरोप.
आप नेता दयामनी बरला: लॉ यूनिवर्सिटी निर्माण को लेकर आंदोलन को लेकर प्राथमिकी दर्ज है़