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संवेदनहीनता की वजह से अपने को विवश पा रहे थे गोताखोर

प्रशासनिक लोगों से भी लगायी मदद की गुहार छपरा : गंगा की उफनती लहर हो या सरयू का तेज बहाव. जान की बाजी लगा कर लोगों की जान बचानेवाले मिलन एंड्रवेंचर ग्रुप के गोताखोर बालू लदी नाव को निकालने में क्रेन गिरने से मरे व डूबे लोगों को निकालने में लोगों की संवेदनहीनता की वजह […]

प्रशासनिक लोगों से भी लगायी मदद की गुहार
छपरा : गंगा की उफनती लहर हो या सरयू का तेज बहाव. जान की बाजी लगा कर लोगों की जान बचानेवाले मिलन एंड्रवेंचर ग्रुप के गोताखोर बालू लदी नाव को निकालने में क्रेन गिरने से मरे व डूबे लोगों को निकालने में लोगों की संवेदनहीनता की वजह से अपने को विवश महसूस कर रहे थे.
दो शवों को पानी से निकालने के क्रम तथा नाव पर लादने के दौरान दूसरी नाव पर रहे दर्जनों लोगों द्वारा कोई सहयोग नहीं दिये जाने से ग्रुप के सदस्य काफी दुखी दिखे. बाद में उन लोगों ने प्रशासनिक अधिकारियों से भी मदद की गुहार लगायी. ग्रुप के सदस्य जब वहां से जाने लगे, तो सदर सीओ तथा बीडीओ ने उन लोगों से आग्रह कर तथा जिलाधिकारी के पहुंचने का हवाला देकर रोक कर रखा. किंतु साढ़े छह बजे तक पुन: शव निकालने का कार्य शुरू नहीं हो सका था. ग्रुप के सदस्य अशोक कुमार, तेजबीन कुंवर, रंजीत भगत, जीतन कुमार, विश्वकर्मा, छपरा शहर के नेवाजी टोला के रहनेवाले हैं.
उन लोगों ने घटना की सूचना पाकर चिरांद तिवारी घाट के पास पहुंच कर अपनी कार्रवाई को अंजाम देना शुरू किया था. दो शवों को उन लोगों ने निकाला भी. इनमें से एक शव का सिर काफी वीभत्स तरीके से कुचला हुआ था.
ग्रुप के सदस्यों का कहना था कि जब वे गहरे पानी में शव को ढूंढ़ रहे थे, तो कई शव अंदर में थे. इससे ऐसी आशंका है कि मरनेवाले की संख्या 10-12 हो सकती है.

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